भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी है जयपुर. आमेर के शासक महाराज जय सिंह 2 ने 18 नवम्बर 1726 को इसे बनाया था, और इसका नाम अपने नाम पर जयपुर रखा. जयपुर को गुलाबी शहर (पिंक सिटी) कहा जाता है. अगर आपको पैलेस, महल पसंद है, और आप बीते युग के शासकों की जीवन शैली को जानने के इच्छुक है, तो जयपुर सिटी आपके घुमने के लिए सबसे उपयुक्त है. जयपुर में बड़े बड़े महल, किले है जिसकी वास्तुकला आपको अचंभित कर देगी. अगर आप किसी शासक, राजा की तरह जीवन शैली को महसूस करना चाहते है तो जयपुर के उन महलों जो अब होटलों में बदल चुके है, रहकर देखें. जीवन भर के लिए आपको एक अलग तरह का अनुभव मिल जायेगा. जयपुर में रजवाड़ों की मेहमाननवाजी का लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा.
जयपुर की इस ओल्ड सिटी को अब पिंक सिटी कहा जाता है. जो भव्य महलों के लिए प्रसिद्ध है. इसको सवाई जय सिंह 2 ने बनवाया था. 1876 में वेल्स के प्रिंस के सौहार्दपूर्ण स्वागत के लिए पुरे शहर को गुलाबी रंगवा दिया गया था. यहाँ के महल की वास्तुकला देख आप, कारीगर की तारीफ करे बिना नहीं रह पायेंगें. हर महल में बहुत ही उचित ढंग से वेंटिलेशन की सुविधा है. यह भारत का पहला योजनाबद्ध तरीके से मानव निर्मित बनाया गया शहर है.
जयपुर जाने का सही समय (Best time to visit Jaipur)
जयपुर में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है, जबकि यहाँ ठण्ड बहुत कम होती है. यहाँ पर मानसून भी अच्छा होता है. जयपुर में पर्यटकों का पीक सीजन ठण्ड में होता है. नवम्बर से फ़रवरी तक यहाँ बहुत भीड़ होती है.
जयपुर जाने का तरीका (How to reach Jaipur)
- एयरप्लेन के द्वारा (By Air) – जयपुर में अन्तराष्ट्रीय एअरपोर्ट है, जो सिटी से 10 किलोमीटर की दुरी पर है. यहाँ से रोज भारत के बड़े शहरों के लिए डोमेस्टिक फ्लाइट चलती है, साथ ही आबू धाबी, दुबई एवं मस्कट के लिए अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट रहती है.
- ट्रेन के द्वारा (By Train) – जयपुर एक बड़ा जंक्शन है. देश के बड़े शहरों से यहाँ डायरेक्ट ट्रेन चलती है. जयपुर में मेट्रो ट्रेन भी चलती है, जो 2015 में ही शुरू हुई है. यहाँ जाकर आप मेट्रो का भी मजा ले सकते है.
- रोड के द्वारा (By Road) – जयपुर दिल्ली, मुंबई के बीच नेशनल हाईवे NH8 से जुड़ा हुआ है. जयपुर दिल्ली से सिर्फ 260 किलोमीटर दूर है, जिससे रोड के द्वारा बस या अपनी गाड़ी से आसानी से जाया जा सकता है. इसके अलावा आगरा भी 240 किलोमीटर दूर है. नई दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात के लिए यहाँ से रोज अच्छी बसें चलती है.
जयपुर के दर्शनीय स्थल
- सिटी पैलेस – सिटी पैलेस जयपुर का फेमस स्थल है. इसे सवाई जय सिंह 2 ने 1729 से 1732 AD में बीच बनवाया था. महल परिसर में चन्द्र महल, प्रीतम निवास चौक, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, महारानी पैलेस, भग्गी खाना, गोविन्द देव जी मंदिर और मुबारक महल शामिल है. अब चन्द्र महल को संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहाँ हथकरघा उत्पाद और अन्य समान मौजूद है, जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है. यहाँ की वास्तुकला को देख आप मंत्रमुग्ध हो जायेंगे, साथ ही यहाँ से आप पुरी पिंक सिटी को देख सुखद महसूस करेंगें.
- हवा महल – हवा महल भी जयपुर का मुख्य आकर्षण है. इस महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह के द्वारा करवाया गया था. हवा महल में हवा के आने जाने के लिए 953 खिड़कियाँ है, इसलिए इसे हवामहल नाम दिया गया. 5 मंजिला इस ईमारत में उपर जाने के लिए सीढियां नहीं बनाई है, इसमें ढलान (Slope) के द्वारा उपर जाया जा सकता है. कहते है इसे राजपुताना महिलाओं के लिए बनवाया गया था, ताकि वे महल के अंदर से पुरे शहर में क्या चल रहा है देख सकें, लेकिन उन्हें बाहर से कोई न देख सके. इसे लाल गुलाबी पत्थरों से बनवाया गया है. यहाँ पुरातात्विक संग्रहालय भी है, जिसे आप जरुर देखें.
- अम्बर किला – इसे आमेर किला भी कहते है. यह आमेर में स्थित है, जो जयपुर से 11 किलोमीटर दूर स्थित है. इसे 1592 में राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया था. जिसे बाद में राजा जय सिंह प्रथम द्वारा और बढ़ाया गया था. लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर के पत्थर को मिलाकर इसका निर्माण हुआ था, जो हिंदू-मुस्लिम वास्तुकला के एक मिश्रण को दर्शाता हैं. इसका मुख्य द्वार पूर्व की ओर है, इसके अलावा 3 और द्वार है. अंबर पैलेस में चार आंगन हैं, जहाँ दीवान-ए-आम भी है. इस पैलेस में आपको हाथी की सवारी करने का मौका भी मिलेगा, यह सवारी आपको पुरे किले के दर्शन कराएगी, वो भी शाही अंदाज में.
- जंतर मंतर वेधशाला – यह विश्व की सबसे बड़ी वेधशालाओं में से एक है. महाराजा जय सिंह 2 के समय इसे बनवाया गया था, यहाँ खगोलीय वेधशाला में दुनिया की सबसे बड़ी धूपघड़ी है. महाराजा जय सिंह द्वितीय को वास्तुकला, खगोल विज्ञान, दर्शन सहित विभिन्न विषयों में रुचि थी. उन्हें खगोल विज्ञान में विशेष रूचि थी, जिस वजह से उन्होंने देश की सबसे बड़ी वेधशाला का निर्माण शुरू करवाया. उस समय वहां ज्यामितीय डीवाईस भी उपलब्ध था, जिसके द्वारा समय को मापते थे, तारामंडल की स्थिती जानते थे और सबसे बड़े स्टार की आसपास कक्षाओं का अवलोकन किया करते थे. इन खगोलीय उपकरणों ने दुनिया भर के खगोलविदों और आर्किटेक्टर को अपनी ओर आकर्षित किया था.
- जयपुर सिटी की दीवार – जयपुर शहर की दीवार, जयपुर शहर को घेरे हुए है. इसे 1727 में महाराजा जय सिंह 2 द्वारा बनवाया गया था. यह 6 फीट ऊँची और 3 मीटर चौड़ी है. इस दीवार में 7 गेट है.
- जयगढ़ किला – यह अरावली रेंज में, चील का टीला पर स्थित है. यहाँ से आमेर पैलेस भी दिखाई देता है. इसे 1726 में आमेर पैलेस की रक्षा के लिए जय सिंह 2 द्वारा बनवाया गया था. जिसे इनका ही नाम दिया गया. इसकी संरचना आमेर पैलेस के जैसे ही है, इसे विजय किला के नाम से भी जाना जाता है.
- नाहरगढ़ किला – यह भी अरावली हिल में स्थित है, जहाँ से पूरा जयपुर दिखाई देता है. इसका नाम पहले सुदर्शन गढ़ था, लेकिन कहते है, जब ये बन रहा था, तब राजा नाहर सिंह की आत्मा यहाँ अंदर मौजूद थी और इसके निर्माण कार्य को देख रही थी, जिसके बाद इसका नाम नाहरगढ़ रख दिया गया. इसे 1734 में बनवाया गया था, जिसे 1864 में फिर से और बढ़ाया गया था. आमिर खान की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ के कुछ सीन यहाँ फिल्माए गए है, इसके अलावा शुद्ध देशी रोमांस फिल्म के लिए भी सीन को यहाँ फिल्माया गया है.
- जयपुर जू – इस जू का निर्माण 1877 में हुआ था. यह 2 पार्ट्स में है, जहाँ एक जगह पक्षी की प्रजाति है, वहीँ दूसरी ओर जानवर है. यहाँ दुनिया भर की 50 से भी ज्यादा पशु पक्षियों की प्रजाति है, लगभग 550 जानवर यहाँ है. वर्ष 1999 में घड़ियाल प्रजनन फार्म की स्थापना की गई है जो भारत में चौथा सबसे बड़ा प्रजनन फार्म है.
- रामगढ़ लेक – यह मानव निर्मित लेक जमवा रामगढ़ के पास स्थित है. यह जयपुर से 32 किलोमीटर दूर स्थित है. 1982 में एशियन गेम्स में नौकायन का इवेंट इसी लेक में हुआ था. बरसात के समय ये लेक पूरी तरह भर जाता है, जिससे यह जयपुर के लोगों के लिए मुख्य पिकनिक स्पॉट बन जाता है.
- डेरा आमेर हाथी सफारी – जयपुर जाने पर हाथी की सफारी करना मिस नहीं करना चाहेंगें. आमेर किला के पीछे की अरावली चोटी पर यह हाथी की सफारी होती है. इस शांत वातावरण में आप इस हाथी सफारी को बहुत एन्जॉय करेंगें. यह हाथी की सवारी खेतों एवं किले के माध्यम से, अरावली के जंगलों के बीच में शिविर तक ले जाते है. यहाँ से आप जंगल की ख़ूबसूरती को करीब से देख पायेंगें. यहाँ रात में भी सफारी होती है, जिसे आप और ज्यादा एन्जॉय कर सकते है.
जयपुर बस एक पर्यटन स्थल नहीं है, यह वह जगह है जहाँ आप सीख अलग तरह के आनंद का अनुभव कर सकते है.
जयपुर में मौजूद अन्य स्थान
क्रमांक | स्थान | नाम |
1. | पार्क |
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2. | संग्रहालय |
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3. | मंदिर |
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4. | अन्य स्थान |
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हाथी का फेस्टिवल (Elephant festival Jaipur)
जयपुर में मार्च में होली के दिन हाथी का फेस्टिवल मनाया जाता है. इस मौके पर हाथी पोलो गेम, हाथी रेस, रस्साकशी एवं हाथी डांस होते है. इस भव्य फेस्टिवल की शुरुवात ऊँठ, घोड़े डांस के द्वारा होती है. इसके साथ ही इस मौके पर राजस्थान फोल्क डांस होता है. हाथी को अच्छे वस्त्र एवं जेवर से सजाया जाता है. सबसे सुंदर हाथी को गिफ्ट भी दिया जाता है. इस हाथी फेस्टिवल को जयपुर में बहुत सालों से मनाया जा रहा है. सन 2012 एवं 2014 में इस फेस्टिवल को जानवरों की रक्षा के लिए कैंसिल कर दिया गया था. लेकिन अब इसे होली फेस्टिवल के नाम से फिर से शुरू किया गया है.
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