ऊटी जिसका एक नाम उटकमंडलम भी है, भारत के प्रमुख दार्शनिक (tourist) स्थानों में से एक है। कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर बसे इस शहर की सुंदरता यहाँ की सुंदर पहाड़ियों की वजह से और भी बड़ जाती है। सर्दियों में यहाँ मौसम बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है, इसके अलावा साल के हर महीने यहाँ का मौसम सुहाना होता है, और यही मौसम पर्यटकों को यहाँ खिंच ले आता है। परंतु ऊटी जाने वाले पर्यटकों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि, सर्दियों में यहाँ का तापमान शून्य के भी निचे होता है।
ऊटी मुख्यत घनी वनस्पति, चाय के बगीचे और नीलगिरी के पेड़ो के लिए मशहूर है. अगर यहाँ कि कृषि को देखा जाए, तो यहाँ के ठंडे मौसम के कारण यहाँ आलू, गोबी और गाजर जैसी सब्जियों को उगाया जाता है। परंतु हमारे पर्यावरण प्रदूषण की गाज यहाँ भी गिरि है, और यहाँ के वनो को सुरक्षित करने के नजरिये से यहाँ के कुछ वनों को आरक्षित भी किया गया है। यदि टुरिस्ट यहाँ कोई कैंप भी लगाना चाहते है, तो उन्हे विशेष अनुमति की जरूरत पड़ती है।
ऊटी के बारे में कुछ जानकारी नीचे टेबल में दी गई है :
शहर का नाम | ऊटी |
जिला | नीलगिरी |
राज्य | तमिलनाडु |
देश | भारत |
पिन कोड | 64300 |
दूरभाष | 91-423 |
जनसंख्या | 93921 |
क्षेत्रफल | 2213 मीटर |
ऊटी पहुँचने का तरीका (how to reach Ooty) –
अगर आप ऊटी जाना चाहते है, तो आप सड़क, रेल या हवाई किसी भी मार्ग को आसानी से चुन सकते है। वैसे ऊटी जाने के लिए अगर आप हवाई मार्ग का उपयोग करना चाहते है, तो आपको कोयंबटूर में मौजूद हवाई अड्डे का उपयोग करना होगा। यहाँ से आगे आप सड़क मार्ग से आसानी से जा सकते है| कोयंबटूर में मुख्य रेलवे जंक्शन है, जहाँ से ऊटी के लिए छोटी लाइन में टॉय ट्रेन चलती है, यहाँ की टॉय ट्रेन का लुफ्त उठाना दर्शनार्थियों के लिए एक अलग अनुभव है, जो बच्चों बड़ों सभी को आकर्षित करता है|
ऊटी के ही पास कुन्नुर और कोटागिरी जैसे छोटे छोटे दार्शनिक शहर भी है। इन जगहों की ऊटी से दूरी मात्र कुछ घंटो की ही है, और यहाँ का मौसम भी ऊटी की ही तरह सुहाना है। कुछ टुरिस्ट जो इन जगहों को जानते है, उन्हे सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि उन्हे कम खर्चे में रुकने व खाने की व्यवस्था मिल जाती है।
ऊटी के दार्शनिक स्थल
यहाँ हम ऊटी में स्थित कुछ स्थानों की लिस्ट आपको बता रहे है, ताकि जब आप ऊटी जाए इन स्थानों में अवश्य जाएँ ।
- Botanical gardens (वनस्पति उद्यान): 22 हेक्टेयर के एरिया में फैला यह उद्यान अपनी प्राचीन वनस्पतियों के लिए प्रसिध्द है। इस जगह को घूमने के लिए आप बारिश के अलावा अन्य कोई भी समय का चयन कर सकते है। इस उद्यान की रखवाली तमिलनाडु horticultural society द्वारा की जाती है। यहाँ घूमने आने वालों को देखने के लिए सबसे पहले यही जगह सजेस्ट की जाती है, और यह है भी इतना सुंदर कि हर किसी का मन मोह लेता है। यह जगह फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है. परंतु अगर आप इसे घुमना चाहते है, तो खूब सारी पैदल चलने की प्रेक्टीस कर लीजिये और तैयार हो जाइये चलने के लिए।
- Tea factory : वैसे तो यहाँ ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होता, परंतु फिर भी इस जगह को घुमना आपको एक नया अनुभव देता है। यहाँ से आती चाय की खुशबू भी आपका मन मोह लेती है। यहाँ मशीनों द्वारा चाय को बनता और पैक होते देखना आपके और बच्चों के लिए एक अलग अनुभव रहेगा। यहाँ पर से आप चाय खरीद भी सकते है, और यहाँ फ्रेश पत्तियों से बनी ग्रीन टी भी उपलब्ध होती है, जिसकी खुशबू भी मन मोहने वाली होती है।
- Doddabetta peak (डोडाबेट्टा चोटी): इसकी ऊंचाई लगभग 8650 फीट है, और यह साउथ इंडिया की सबसे ऊँची चोटी है। यह ट्रेकिंग के लिए आकर्षण का केंद्र है, साथ ही यहाँ फोटो सेशन के लिए भी अच्छे पॉइंट्स है। जब आप यहाँ पहूँच जाते है, तो आप यहाँ से घाटियों के सुंदर नजारो का लुफ्त उठा सकते है।
- Avalanche lake (अवलांचे झील): ऊटी से 28 किलोमीटर की दूरी पर यह झील स्थित है, और यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। आप चाहे तो यहाँ फिशिंग का भी लुफ्त उठा सकते है, यही पास ही में फिशिंग के लिए उपयोगी equipment भी उपलब्ध हो जाते है।
- Rose garden : यह भारत का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन है। यह गार्डन समुद्र तट से 2200 मीटर की ऊचाई पर एल्क पहाड़ी की ढलान पर स्थित है। यहाँ आप अलग अलग प्रकार के कई तरह के गुलाबों की प्रजातीय देख सकते है, यहाँ लगभग 20000 तरह के गुलाब मौजूद है।
- ऊटी लेक (Ooty lake): इस झील का एरिया लगभग 65 एकड़ का है। यह एक मानव निर्मित लेक है, जिसका निर्माण ब्रिटिश शासन के समय किया गया था। यहाँ दर्शनार्थियों के लिए बोट हाउस उपलब्ध है, जो विजिटर्स को बोटिंग का मजा देते है। यहाँ मई के महीने में होने वाली बोट रेस भी प्रसिध्द है।
- मदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण (Mudumalai national park): यह ऊटी से लगभग 67 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ कई सारे जंगली जीवों और पक्षियों का घर भी है। कई सारे हाथी, सांभर, चीतल, हिरण टाइगर भी यहाँ आसानी से देखे जा सकते है।
- स्टोन हाउस (stone house): सन 1822 में बना हुआ ब्रिटिश गवर्नर जॉन सुलीवान का यह बंगला ऊटी में बना हुआ पहला बंगला है। आज के समय में यह ऊटी में स्थित गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज के प्रिन्सिपल को निवास के रूप में दिया जाता है।
- ऊटी माउंटेन रेल्वे (ooty mountain railway) : ऊटी में मौजूद यह रेल्वे 1908 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया था। यहाँ ट्रेन आज भी पुराने तरीके के अनुसार भाप के इंजन द्वारा ही चलती है।
- Stephens church: यह चर्च 19 वी शताब्दी में बना हुआ नीलगिरी के प्राचीन चर्च में से एक है। यहाँ आप हमारे देश की प्राचीन कला को देख सकते है।
- Deer park : ऊटी में स्तिथ यह पार्क भारत के प्रमुख चिड़ियाघर में से एक है। यहाँ पर्यटक हिरणो की विभिन्न प्रजातियों के साथ कई अन्य जानवरों और पक्षीयों को भी देख सकते है।
हमारे इस आर्टिक्ल को पढ़ने के बाद आपके मन में ऊटी घूमने की इच्छा और भी तीव्र हो गयी होगी। अब आप जब भी ऊटी जाएँ, तो इन स्थानों में अवश्य जाएँ.
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