अंटार्कटिका स्थित साउथ पोल वो जगह है जिसे पृथ्वी का अंतिम छोर कहा जा सकता है। यहां जिंदगी बेहद कठिन है, क्योंकि कुछ भी इंसानों के मुताबिक नहीं। यहां न रोज सनसेट-सनराइज होता है और न ही बारिश होती है।
21 जुलाई 1983 को यहां टेम्परेचर माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस था, जो पृथ्वी का अभी तक का सबसे ठंडा दिन था। हाल ही में एमंडसन रिसर्च स्टेशन के दो वर्कर्स को बचाने के लिए यहां प्लेन लैंड कराया गया, जो काफी रिस्की था।
यहां साल में केवल दो दिन सनसेट और सनराइज होता है। अंटार्कटिका पर दूसरे जगहों के मुकाबले सबसे तेज हवाएं चलती हैं।
कहा जाता है कि पृथ्वी पर जितना भी फ्रेस वाटर है उसका 70 प्रतिशत यहीं पर है। अंटार्कटिका के बर्फ की थिकनेस करीब 1.6 किमी होती है।
“21 जुलाई 1983 को यहां टेम्परेचर माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस था, जो पृथ्वी का अभी तक का सबसे ठंडा दिन था। हाल ही में एमंडसन रिसर्च स्टेशन के दो वर्कर्स को बचाने के लिए यहां प्लेन लैंड कराया गया, जो काफी रिस्की था।”
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