December 20, 2024

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वास्तु में बताया गया हैं फर्नीचर का महत्व, जानें इसके बारे में

वास्तुशास्त्र एक ऐसी विद्या हैं जो हमारे आस-पास उत्पन्न होने वाली सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी हुई हैं। वास्तु के अनुसार हमारे पास स्थित हर वास्तु की एक विशेष ऊर्जा होती हैं जो हमारे जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। घर में उपस्थित फर्नीचर का भी वास्तु में महत्व होता हैं जो आपकी घर की सुख-समृद्धि से जुड़ा होता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए फर्नीचर से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।

फर्नीचर रखें इस दिशा में

वास्तु के अनुसार फर्नीचर कि दिशा भी बहुत मायने रखती है। लकड़ी के फर्नीचर को हमेशा दक्षिण (south) या पश्चिम (west) दिशा से शुरुआत करके उत्तर या पूर्व दिशा में समाप्त करना अच्छा माना जाता है। अगर फर्नीचर हल्का है तो उसे पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। वहीं भारी फर्नीचर को दक्षिण और पश्चिम दिशा में रखें। ऐसा करने से पैसों का नुकसान नहीं होगा। कारोबार में तरक्की चाहते हैं तो लकड़ी की बजाए स्टील के फर्नीचर का इस्तेमाल करें।

फर्नीचर का आकार

फर्नीचर का आकार भी बहुत मायने रखता हैं। फर्नीचर धनुषाकार, अर्धचंद्राकार या वृत्ताकार नहीं होना चाहिए। इससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहता है। फर्नीचर के किनारे गोलाकार हो ना कि नुकीले क्योंकि इससे नेगेटिव एनर्जी आती है जो कि समस्याओं का कारण बनती हैं।

इस लकड़ी का फर्नीचर होता है शुभ

वास्तु के अनुसार चंदन, सागवान, साल, नीम, शीशम, अशोका पेड़ की लकड़ी से बने फर्नीचर घर के लिए शुभ माने जाते हैं। इससे घर में सुख-शांति के साथ पॉजिटिव एनर्जी भी बनी रहती है और कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होती हैं। साथ ही इससे धन लाभ भी होता है।

फर्नीचर का रंग

हल्के रंग में पॉजिटिव और गहरे रंग में नेगेटिव ऊर्जा बढ़ाते हैं इसलिए फर्नीचर का रंग देखना भी बहुत जरूरी है। अपने घर व ऑफिस में हल्के रंगों का फर्नीचर रखें ताकी जीवन में सक्रत्मकता बनी रहे।