December 20, 2024

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चौकाने वाले खुलासे: द्रौपदी के पांच पति क्यों थे?

हम सभी जानते हैं कि महाभारत में द्रौपदी के पांच पति थे। परंतु क्या आप जानते हैं कि द्रौपदी के पांच पति होने का वास्तविक कारण क्या था? जानने के लिए पढ़ें। महाभारत की कहानी दो प्रमुख पात्रों के आसपास घूमती है: पांडव और कौरव। इस महाकाव्य में महाभारत में घटित अनेक घटनाओं का वर्णन किया गया है।

Shocking Revelations Why Draupadi Had Five Husbands in Hindi :-

शूरता की कहानियाँ महाकाव्य के सभी पुरुष पात्रों के आसपास घूमती हैं जिन्होंने बड़ी बड़ी लड़ाईयां लड़ी चाहे वे जीवित रहें या मृत। परंतु इस कहानी में एक प्रमुख महिला पात्र भी है जिसे इस महानाशक युद्ध के लिए हमेशा ज़िम्मेदार ठहराया गया। जी हाँ, हम द्रौपदी के बारे में बात कर रहे हैं।

सम्पूर्ण महाकाव्य में द्रौपदी सबसे अधिक शक्तिशाली पात्र है। वह पांचाल राज्य की राजकुमारी, पांडवों की पत्नी और एक बहुत ही गूढ़ और बुद्धिमान, पतिव्रता स्त्री थी। द्रौपदी के बारे में प्रत्येक बात आकर्षक है।

उसका रहस्यमयी सौंदर्य, उसका गर्व, उसकी भक्ति, उसका प्रेम, उसका अपमान और उसका प्रण आदि से संबंधित सभी कहानियाँ समान रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाली हैं। परन्तु वह पांच भाइयों की पत्नी कैसे बनी? जैसे ही रहस्य से पर्दा उठा हमें पता चला कि अपने पिछले जन्म में मिले वरदान के कारण द्रौपदी के पांच पति होना निश्चित था। आइए देखें कि द्रौपदी के पांच पति होने का वास्तविक कारण क्या था।

भगवान शिव का वरदान : अपने पिछले जन्म में द्रौपदी एक तपस्वी की बेटी थी। उसकी शादी न होने के कारण वह दुखी थी। हताश होकर उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या करना प्रारंभ कर दिया। कई वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव उससे प्रसन्न हुए तथा वरदान देने के लिए प्रकट हुए। उसने ऐसे पति की मांग की जिसमें पांच गुण हों।

गुण

द्रौपदी ने अपने पति में पांच गुण मांगे। पहला कि वह एक कर्तव्यपरायण व्यक्ति हो। दूसरा वह शूर हो। तीसरा वह दिखने में आकर्षक हो। चौथा वह बुद्धिमान हो तथा पांचवां वह दयालु और प्रेम करने वाला हो।

केवल एक व्यक्ति नहीं

भगवान शिव ने कुछ देर विचार किया और कहा कि ये पांच गुण एक व्यक्ति में मिलना संभव नहीं है। अत: उन्होंने द्रौपदी को वरदान दिया कि अगले जन्म में तुम्हारे पांच पति होंगे जिनमें व्यक्तिगत तौर पर ये गुण होंगे। अत: जब जब उसने राजा द्रुपद के यहाँ द्रौपदी के रूप में जन्म लिया तो पांच भाइयों से उसका विवाह पूर्व निश्चित था।

बहु पति प्रथा

पौराणिक कथाओं के अलावा हम उस समय की बहु पति तथा बहु विवाह प्रथा को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। इस मामले में बहु पतित्व की प्रथा को भी ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में बहुत कम लडकियां पैदा होती थी। आज भी कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में लड़कों की तुलना में लडकियां कम है। प्राचीन हस्तिनापुर उसी क्षेत्र के आसपास था। अत: यह संभव है कि द्रौपदी की शादी पांच भाइयों के साथ इसलिए की गयी हो क्योंकि प्रत्येक के लिए उचित दुल्हन उपलब्ध नहीं थी।

एक मां की युक्ति

द्रौपदी के स्वयंवर से लौटने के बाद अर्जुन ने प्रयोजन से अपनी मां से कहा, “देखो मां हम क्या लाये हैं”। अर्जुन किसका जिक्र कर रहा है यह जाने बिना ही कुंती ने अपने पुत्र से कहा कि जो कुछ भी लाये हो उसे भाइयों के साथ बाँट लो। अत: मां के आदेश के पालन के लिए सभी पाँचों भाइयों ने द्रौपदी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। निष्पक्ष भाव से देखें तो कुंती चाहती थी कि युद्ध के समय उसके पुत्र एक साथ रहें क्योंकि वह जानती थी कि युद्ध होने वाला है। उसने देखा कि द्रौपदी का श्वास रोकने वाला सौंदर्य उसके बेटों को बाँट सकता था। उसने देखा कि उसके सभी बेटे द्रौपदी की सुंदरता पर मोहित थे। यह कुंती द्वारा किया गया बहुत ही रणनीतिक काम था।अत: उसने अपने बेटों से द्रौपदी को बाँट लेने के लिए कहा ताकि उसके कारण उनमें कभी लड़ाई न हो।