देवों के देव महादेव ने जब हलाहल विष पिया तो वो सारे जगत के लिए नीलकंठ कहलाए. भगवान शिव को भांग का नशा सबसे ज्यादा प्रिय है, तभी तो उन्हें खुश करने के लिए शिवभक्त शिवलिंग पर भांग भी अर्पित करते हैं.
आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं भगवान शिव के एक अनोखे रुप से, जो सिर्फ सिगरेट का कश ही नहीं लगाते बल्कि सिगरेट के धुएं को हवा में भी उड़ाते हैं.
हिमाचल प्रदेश के अर्की सोलन ज़िले में मौजूद है लुटरू महादेव मंदिर.
इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां दर्शन के लिए आनेवाले सभी भक्त शिवलिंग के रुप में विराजमान भोले बाबा को सिगरेट अर्पित करते हैं और भगवान शिव यहां आनेवाले भक्तों को नाराज़ नहीं करते बल्कि उनके द्वारा अर्पित किए हुए सिगरेट को पीते हैं.
खुद-ब-खुद सुलगती है सिगरेट
लुटरू महादेव मंदिर में सदियों से शिवलिंग को सिगरेट पिलाई जा रही है. आप इसे चमत्कार का नाम दें या फिर अंधविश्वास का. लेकिन ये सच है कि इस शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित करने के बाद उसे कोई सुलगाता नहीं है बल्कि वो खुद-ब-खुद सुलगती है.
इसमें से धुंआ भी कुछ इसी तरह से निकलता है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कि स्वयं भोलेनाथ सिगरेट पी रहे हों.
शिवलिंग पर जलते हुए सिगरेट के अद्भुत नज़ारे को देखने के बाद लोग इसे कैमरे में कैद करने से खुद को नहीं रोक पाते है और इसका वीडियों बनाकर अपने साथ ले जाते हैं.
इस मंदिर जुड़ी कई मान्यताएं
जिस तरह लुटरू महादेव मंदिर में बाबा के सिगरेट पीने का किस्सा किसी रहस्य से कम नहीं है ठीक उसी तरह इस मंदिर का शिवलिंग भी अपने आप में बेहद अनोखा है. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर जगह- जगह गड्ढे बने हैं. और इन्हीं गड्ढों में लोग सिगरेट को फंसा देते हैं
इस मंदिर को सन 1621 में बनवाया गया था. इस मंदिर के निर्माण के पीछे ऐसी मान्यता है कि बाघल रियासत के तत्कालीन राजा को सपने में दर्शन देकर भगवान शिव ने ही मंदिर बनाने का आदेश दिया था.
इस लुटरू महादेव मंदिर से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव ने अपना काफी समय इस गुफा में गुज़ारा था. उन्होंने इस गुफा का इस्तेमाल घर की तरह किया था.
भक्तों की उमड़ती है भीड़
पहाड़ियों पर प्राकृतिक सुंदरता के बीच मौजूद इस लुटरू महादेव मंदिर का नज़ारा काफी अद्भुत है, जिसे देखने के लिए भक्त खुद-ब-खुद खींचे चले आते हैं. यहां आकर न सिर्फ उन्हें बाबा का आशीर्वाद मिलता है बल्कि दिल और दिमाग को सुकून भी मिलता है.
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