आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा पर्व। यह आज (19 अक्टूबर) मनाया जाएगा। भगवान राम के रावण का वध करने और असत्य पर सत्य की विजय के खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन जगह जगह रावण दहन किया जाता है। कहा जाता है कि रावण के पुतले को जला हर इंसान अपने अंदर के अहंकार, क्रोध का नाश करता है। इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है।
बैकुंठपुर में सात दिवसीय दशहरा महोत्सव हुआ शुरू
शुभ मुहूर्त
विजयदशमी पूजन का मुहूर्त
08:20 से 10:30 बजे तक लग्न पूजन
11:24 से 12:32 बजे तक अभिजीत मूहूर्त
दहन का शुभ मुहूर्त:- शुक्रवार को दोपहर 2.57 बजे से शाम 4.17 बजे
ऐसी मान्यता है कि रावण का वध करने कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की और फिर उनसे आशीर्वाद मिलने के बाद दशमी को रावण का अंत कर दिया। ऐसी भी मान्यता है कि दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे विजयादश्ामी के रूप में मनाया जाता है।
Dussehra 2018: शत्रु विजय का पर्व है दशहरा
देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपराएं बिल्कुल अलग हैं। इस दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है। इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है। दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है।
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