उत्तर कोरिया को अपने तानाशाही व्यवहार के चलते दूसरे देशों से अलग-थलग पाया जाता है। लेकिन अब किम जोंग खुद दूसरे देशों से संबंध सुधारने पर जोर दे रहे हैं। सरकारी मीडिया ने कहा है कि किम ने लगातार तीसरे दिन जारी पार्टी की बैठक में दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों की समीक्षा की, हालांकि यह नहीं बताया कि वह किस तरह के कदम उठाना चाहते हैं।
पर्यवेक्षकों ने उम्मीद जतायी है कि पिछले पांच वर्षों में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के पहले सम्मेलन के जरिए वह दक्षिण कोरिया और अमेरिका की ओर सद्भावना का संदेश भेजना चाहते हैं क्योंकि देश में आर्थिक चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के सम्मेलन में बृहस्पतिवार को किम ने अपनी पार्टी की नीतियों को रेखांकित किया और दूसरे देशों के साथ संबंध सुधारने पर जोर दिया।
केसीएनए ने कहा कि किम ने दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों की भी समीक्षा की। ‘वर्कर्स पार्टी कांग्रेस’ निर्णय लेने वाली पार्टी की शीर्ष इकाई है। यह इकाई पिछली परियोजनाओं की समीक्षा करती है और नई प्राथमिकताएं तय करती है तथा शीर्ष अधिकारियों के विभागों का फेरबदल करती है।
कोविड-19 महामारी के कारण सीमाएं बंद होने और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण किम को अपने नौ साल के कार्यकाल में सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अपने शुरुआती संबोधन में किम ने पूर्ववर्ती आर्थिक विकास योजनाओं के नाकाम होने की बात स्वीकारी और अगले पांच साल में विकास के नए लक्ष्यों का संकल्प जताया। दूसरे दिन की बैठक में किम ने कहा कि उनका देश सैन्य क्षमता में वृद्धि करेगा।
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