जो बाइडेन बुधवार (20 जनवरी) को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। शपथ लेने के बाद जो बाइडन ने ऑफिस में कामकाज संभाला और एक्शन में आ गए। उन्होंने ताबड़तोड़ 17 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत कर दिए। सबसे पहले उन्होंने मास्क पहनने को जरूरी किए जाने वाले ऑर्डर पर साइन किए और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते (International Paris Climate Agreement) में अमेरिका की वापसी की घोषणा भी की।
राष्ट्रपति कार्यालय (ओवल ऑफिस) पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता। तुरंत काम शुरू करने जा रहा हूं। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अगले 7 दिन में कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन करूंगा।’
राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन के फैसले
– सबसे पहले बाइडेन ने कोरोना वायरस को लेकर ऑर्डर साइन किया। इसके तहत मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया है यानी हर व्यक्ति को महामारी के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा। अगर आप सरकारी बिल्डिंग में हैं या कोरोना हेल्थवर्कर हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा। ट्रम्प ने मास्क लेकर कोई सख्ती नहीं की थी।
– 7 मुस्लिम देशों इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया। ट्रम्प ने 2017 में यह बैन अपने कार्यकाल के पहले हफ्ते लगाया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जिसे 2018 में कोर्ट ने बरकरार रखा था।
– अब अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य होगा। बाइडेन ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही अमेरिका की WHO में वापसी कराऊंगा। ट्रम्प ने पिछले साल अमेरिका को WHO से हटाने का फैसला किया था।
– अमेरिका अब पेरिस जलवायु समझौते में भी दोबारा शामिल होगा। ट्रम्प ने 2019 में इस समझौते से बाहर जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और रूस धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। वहीं, अमेरिका इस मामले में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका 70 सालों में पहली बार तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर एक उत्पादक बन गया है।
पेरिस जलवायु समझौता ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए 2015 में साइन किए गए ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय समझौते में से एक है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन में संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले साल के अंत में समझौते को छोड़ दिया था। फिलहाल राष्ट्रपति जो बाइडन की घोषणाओं में जलवायु परिवर्तन सुरक्षा को कमजोर करने वाले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यों की समीक्षा करने के लिए एक व्यापक आदेश भी शामिल किया जाएगा।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 12 दिसंबर 2015 को 196 देशों के प्रतिनिधियों ने पेरिस जलवायु समझौते को अपनाया था। जिसके तकरीबन एक साल बाद 3 नवंबर 2016 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान पेरिस समझौते को स्वीकार किया गया था। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन की ओर से अगस्त 2017 में औपचारिक रूप से इस समझौते से बाहर होने की बात कही गई थी।
– बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रम्प ने मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों को देखते हुए दीवार बनाए जाने को नेशनल इमरजेंसी बताया था।
आपको बता दे, देश के प्रधान न्यायाधीश जॉन राबर्ट्स ने जो बाइडन को शपथ दिलाई। बाइडन ने अपने परिवार की 127 वर्ष पुरानी बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली। 78 वर्षीय बाइडन अमेरिका के सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति हैं। बाइडन से पहले पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति चुनी गई भारतीय मूल की 56 वर्षीय कमला हैरिस को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया सोटोमायोर ने शपथ दिलाई। वह अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति और पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप नहीं हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश व उनकी पत्नी लारा बुश, बराक ओबामा व उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, बिल क्लिंटन और उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन, रिपब्लिकन नेता मैककार्थी, मैक्कोनल और निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस मौजूद रहे। ट्रंप समारोह में शरीक नहीं हुए और इस तरह वह 1869 में एंड्रू जानसन के बाद अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए जो अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
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