ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के लिए शुक्रवार का दिन बड़ी जीत वाला रहा. सुप्रीम कोर्ट ने Reliance-Future डील पर आगे बढ़ने से रोक लगा दी और कहा कि मामले में सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का फैसला भारत में भी लागू होता है.
उद्योगपति मुकेश अंबानी की Reliance Industries को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा. Future Retail के अधिग्रहण को लेकर कंपनी की फ्यूचर ग्रुप के साथ हुई डील पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और मामले में Amazon के पक्ष में फैसला सुनाया.
ये कहा सुप्रीम कोर्ट ने
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन और बी. आर. गवई की पीठ ने कहा कि सिंगापुर की इमरजेंसी आर्बिट्रेटर अदालत का फैसला देश में लागू होता है. सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का फैसला देश के मध्यस्थता कानून की धारा-17(1) के अनुरूप है और धारा-17(2) के तहत देश में लागू हो सकता है.
क्यों कहा सुप्रीम कोर्ट ने
मामले में पिछली सुनवाई के दौरान Future Retail की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के आदेशों की वैलिडिटी पर ही सवाल खड़ा किया था. इस बारे में Amazon की ओर से पेश हुए वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने पीठ से कहा था कि सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का फैसला Future Retail को Reliance Retail के साथ विलय करने से रोकता है.
पहले क्या हुआ डील को लेकर
Reliance-Future Deal के मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले Amazon ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के 25 अक्टूबर 2020 के फैसले को लागू करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. दिल्ली हाईकोर्ट की खंड पीठ ने Reliance-Future Deal पर आगे बढ़ने की अनुमति दे दी थी, जिसको Amazon ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने डील पर रोक लगा दी.
क्या है Reliance-Future Deal
कोरोना महामारी के बाद देश के रिटेल सेक्टर को लेकर Reliance Industries बड़ा दांव लगा रही है. Future Group देश की दूसरी सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है जो Big Bazaar जैसे बड़े ब्रांड की मालिक है. कंपनी के देशभर में 1,700 से अधिक स्टोर हैं. Reliance-Future Deal के बाद Reliance को Future Group के रिटेल, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक कारोबार पर अधिकार मिलता. इसके लिए ही अगस्त 2020 में Reliance और Future Group के बीच 24,713 करोड़ रुपये की डील हुई.
Amazon की आपत्ति
देश के रिटेल सेक्टर में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon की भी बड़ी दिलचस्पी है. Reliance-Future Deal को लेकर विवाद की वजह उसकी Future Group के साथ 2019 की एक डील है. इस डील में Amazon ने Future Group की कंपनी Future Coupon Ltd. में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. इसी के साथ उसे Future Group के रिटेल कारोबार में पहले हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश का भी अधिकार मिला था. Future Coupon की Future Retail में 9 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है.
ऐसे में जब Future Retail ने अपना कारोबार Reliance को बेचने का निर्णय किया तो Amazon ने इसका विरोध किया. Amazon का कहना है कि चूंकि उसकी हिस्सेदारी Future Coupon में है ऐसे में समूह Future Retail को बेचने का एक तरफा फैसला नहीं ले सकता. इसी को लेकर Amazon सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत गई थी जिसने अक्टूबर 2020 में Amazon के पक्ष में फैसला सुनाया था.
Reliance को झटका
सुप्रीम कोर्ट के Reliance-Future Deal पर रोक Reliance Industries के लिए एक बड़ा झटका है. इससे कंपनी की रिटेल सेक्टर को लेकर भविष्य की योजनाओं के लिए मुश्किल पैदा होने की संभावना है. अभी इस मामले में सिंगापुर मध्यस्थता अदालत का अंतिम फैसला आना बाकी है.
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