यदि आप इंटरनेट पर यमराज (धर्मराज) को समर्पित मंदिरों के बारे में सर्च करेंगे तो आप पाएंगे की अधिकतर साइटों पर हिमाचल के चम्बा जिले में भरमौर नामक स्थान पर स्तिथ मंदिर को यमराज (धर्मराज) का इकलौता मंदिर बताया गया है पर वास्तव में ऐसा नहीं है आज हम आपको यहाँ यमराज (धर्मराज) को समर्पित चार प्राचीन मंदिरों के बारे में बातएंगे।
पर पहले यहाँ यह जान लेना आवश्यक है की धर्मराज भी यमराज का ही एक नाम है। यमराज का नाम धर्मराज इसलिए पड़ा क्योंकि धर्मानुसार उन्हें जीवों को सजा देने का कार्य प्राप्त हुआ था।
यमराज (धर्मराज) मंदिर, हिमाचल (Yamraj temple Chamba Himachal) :-
यम देवता को समर्पित यह मंदिर हिमाचल के चम्बा जिले में भरमौर नामक स्थान पर स्तिथ है। यह जगह दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर स्तिथ है। यह मंदिर देखने में एक घर की तरह दिखाई देता है। इस मंदिर में एक खाली कक्ष भी है जिसे चित्रगुप्त का कक्ष कहा जाता है। चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो जीवात्मा के कर्मो का लेखा-जोखा रखते हैं।
इस मंदिर से जुडी मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं। चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मो का पूरा ब्योरा देते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है।
यहां पर यमराज कर्मों के अनुसार आत्मा को अपना फैसला सुनाते हैं। यह भी मान्यता है इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नर्क में ले जाते हैं। गरूड़ पुराण में भी यमराज के दरबार में चार दिशाओं में चार द्वार का उल्लेख किया गया है।
श्री यमुना जी धर्मराज (यमराज) बहन-भाई मंदिर, मथुरा (Yamuna Dharamraj temple Mathura) : –
यमुना जी और धर्मराज को समर्पित यह मंदिर मथुरा में यमुना जी के विश्राम घाट पर स्तिथ है। इस मंदिर को बहन-भाई के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यमुना और यमराज भगवान सूर्य के पुत्री और पुत्र थे।इस मंदिर में यमुना और धर्मराज जी की मूर्तियां एक साथ लगी हुई है। ऐसी पौराणिक मान्यता है की जो भी भाई, भैया दूज (भाई दूज ) के दिन यमुना में स्नान करके इस मंदिर में दर्शन करता उसे यमलोक जाने से मुक्ति मिल जाती है। इसकी पुराणो में एक कथा भी है जो की बहने भैया दूज (यम द्वितीया) के दिन सुनती है।
धर्मराज मंदिर, लक्ष्मण झूला, ऋषिकेश (Dharamraj temple, Rishikesh) :-
यमराज (धर्मराज) को समर्पित यह प्राचीन मंदिर ऋषिकेश में स्तिथ है।
श्री ऐमा धर्मराज टेम्पल (Sri Ema Dharmaraja temple) :-
यह मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्तिथ है। यह मंदिर 1000 से 2000 साल पुराना बताया जाता है।
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