December 20, 2024

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आपका मन माेह लेगी यहां की खूबसूरती, पहाड़ो की रानी दार्जिंलिंग!

अपनी खूबसूरती के लिए ‘पहाड़ो की रानी’ के नाम से मशहूर दार्जिंलिंग अपने यहां आने वाले हर पर्यटक का मन मोह लेता है। भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में बसा हुआ दार्जिंलिंग देखने में बहुत ही खूबसूरत और रोमाचंक है इसलिए यहाँ पर साल भर लोग घूमने के लिए आते रहते है ।

दार्जिंलिंग

दो शब्दों से हुर्इ दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पति-

दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पति दो तिब्बती शब्दों दोर्जे (ब्रज) और (स्थान) से हुआ है ।इसका अर्थ है ‘ब्रज का स्थान’ है । यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दार्जिंलिंग की चाय के लिए प्रसिद्ध है । दार्जिंलिंग चाय के बागान, पहाड़, मंदिर और मठ के लिए जाना जाता है । इस स्‍थान की खोज तब हुई थी जब आंग्‍ल-नेपाल युद्ध के दौरान एक ब्रिटिश सैनिक की टुक‍ड़ी सिक्किम जाने के लिए छोटा सा रास्‍ता तलाश रही थी।

दार्जिंलिंग में घूमने के स्थान (Visiting Places) टाइगर हिल (Tiger Hill) –

यह दार्जिलिंग शहर से 14 किलोमीटर दूर 8482 फीट की ऊचाई पर स्थित है । यह लोगो के लिए बहत ही सुंदर दर्शनीय स्थल है । इस हिल पर चढ़ाई करने में सबसे ज्यादा आनदं आता है । इसी के पास बर्फ से ढकी कंचनजंघा की पहाडियों के पीछे से सूर्योदय का आकर्षक नजारा देखने को मिलता है । यही से आपको विश्व की सबसे ऊँचे पर्वत माउंट एवेरस्ट की छोटी भी देखने को मिलेगी ।

टॉय ट्रेन (Toy Train) –

दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन से आप प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा सकते है । यह जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक 78 किलोमीटर के लम्बे ट्रैक पर टेढ़े-मेढ़े रास्तो से गुजरती हुई हर पल को यादगार बनाती है । यह ट्रेन बतासिया लूप पर सबसे ज्यादा खूबसूरत लगती है क्युकी यहाँ पर यह आठ के आकर में घूमती है ।

जापानी मंदिर (पीस पगोडा – Peace Pagoda) –

यह दार्जिलिंग शहर से 10-15 किलोमीटर की दूरी पर है । यह मंदिर जापानी मंदिरों की तरह सफ़ेद पत्थर से व गोल आकृति में बनवाया गया है ।इसकी स्थापना विश्व में शांति लाने के लिए की गयी थी । इस मंदिर से पुरे दार्जिलिंग और कंचनजंघा का सुंदर नजारा देखने को मिलता है ।

बतासिया लूप (Batasia Loop) –

यह दार्जिलिंग से 5 किलोमीटर दूर इंजीनियरिंग का बेहतरीन रूप है । इसे देश की आजादी में अपने प्रन्दो को न्योछावर करने वालो की याद में यहाँ एक स्मारक बनाया गया है ।

चाय के बागान (Tea Gardens)-

चाय के लिए ही दार्जिलिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है ।यहाँ की चाय सबसे महंगी और बहुत ही खुशबूदार मानी जाती है । यहाँ के सभी उद्यानों की चाय अलग – अलग किस्म की होती है । चाय का पहला बीज जो की चाइनीज झाड़ी का था कुमाऊँ हिल से लाया गया था ।

आवागमन (Transport) हवाई मार्ग –

यह स्थान देश के हर जगह से हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। बागदोगरा (सिलीगुड़ी) यहां पर सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा (90 किलोमीटर) है। यह दार्जिलिंग से 2 घंटों की दूरी पर है यहां से कलकत्ता और दिल्ली के प्रतिदिन उड़ाने के लिए संचालित किया जाता है इसके अलावा गुवाहाटी और पटना से भी यहां उड़ाने के लिए संचालित किया गया है। रेलमार्ग – इसकी सबसे नजदीकी रेल जोन जलपाईइगुडी है कलकत्ता से दार्जिलिंग मेल और कामरूप एक्सप्रेस जलपाईइग जाती है दिल्ली से गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस यहां तक आती है। इसके अलावा टवाई ट्रेन से जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग (8-9 घंटा) तक जा सकते हैं। सड़क मार्ग – यह शहर सिलीगुड़ी से सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दार्जिलिंग सड़क मार्ग से सिलीगुड़ी से 2 घंटों की दूरी पर स्थित है। कलकत्ता से सिलीगुड़ी के लिए बहुत से सरकारी और निजी बसें चलती हैं।