October 23, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

Vrindavan: जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ मचने से 2 भक्तों की मौत, कई घायल !

Vrindavan: जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ मचने से 2 भक्तों की मौत, कई घायल !

Vrindavan: जन्माष्टमी के पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ की खबर आ रही है जिसमे की दो भक्तों की कुचलने से मौत हो गयी और कई लोगों के घायल होने की आशंका है। बता दें कि भगवान कृष्ण का जन्म होने से मथुरा में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि जन्माष्टमी की मंगला आरती के दौरान यह हादसा हुआ। मंगला आरती सुबह की सबसे पहली आरती होती है। यह सुबह 3-4 बजे के आसपास होती है। बता दें कि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में आधी रात के बाद से ही ‘मंगला दर्शन’ की तैयारियां शुरू हो गई थीं। पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी के अनुसार, “यह मंदिर का सबसे शुभ समारोह होता है, जो साल में एक बार आता है। यह पहली घटना नही है इससे पहले राजस्थान (Rajasthan) के खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Temple) में भगदड़ से तीन महिला श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो चुकी है।

मंदिर में मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, मंगला आरती में भगदड़ के बीच 50 से अधिक लोग गिरकर बेहोश हो गए। SSP अभिषेक यादव के अनुसार, भीड़ बढ़ने से यह हादसा हुआ। मरने वालों में नोएडा की रहने वालीं निर्मला देवी और मप्र के जबलपुर के मूलनिवासी(अभी वृंदावन निवास) राजकुमार के रूप में हुई है। मंदिर के सेवादारों का आरोप है कि अधिकारियों ने वीआईपी को पहले दर्शन कराने के लिए दबाव डाला। कई पुलिस अधिकारी अपनी मां को साथ लाए थे। मथुरा रिफायनरी के एक बड़े पुलिस अधिकारी भी अपने 7 परिजनों के साथ मौजूद थे। कहा जा रहा है कि वीआईपी के मेहमानों और परिजनों को छत पर बनी बालकनी से दर्शन कराए जा रहे थे। सिक्योरिटी के मद्देनजर ऊपर के गेट बंद कर दिए गए थे। इससे जब भगदड़ मची, तो लोगों को बाहर निकलने में दिक्कत हुई।

जन्माष्टमी के मौके पर राधा रमन मंदिर में सबसे अधिक भीड़ देखी गई। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कृष्ण का अभिषेक समारोह तीन घंटे से अधिक समय तक चला। मंदिर के पुजारी दिनेश चंद्र गोस्वामी के अनुसार, अभिषेक के लिए गाय के दूध, दही, शहद, घी और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया था। मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि अभिषेक समारोह के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने द्वारकाधीश मंदिर में मत्था टेका। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों ने शहनाई और ढोल की थाप पर नृत्य किया।

बड़ी संख्या में लोगों ने मथुरा, वृंदावन, गोकुल और नंदगांव के मंदिरों में पूजा-अर्चना की, वहीं हजारों ने पहाड़ी गोवर्धन की परिक्रमा की। कलेक्टर नवनीत सिंह चहल ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा, “देश आज भगवान कृष्ण की 5248वीं जयंती मना रहा है और देश-विदेश से श्रद्धालु इस अवसर पर अनुष्ठान में हिस्सा ले रहे हैं।” मंदिर के एक अधिकारी ने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का गर्भगृह वह स्थान है जहां हजारों साल पहले भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि भागवत भवन मंदिर में आधी रात को ही भगवान के अभिषेक की तैयारियां हो चुकी थीं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। प्रख्यात संत गुरुशरणानंद महाराज ने भक्तों से कहा कि पूर्ण भक्ति और “भक्ति” दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे निश्चित तरीका है। “चरणामृत” (प्रसाद) भी भक्तों के बीच वितरित किया गया।