Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते दो दिनों में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस वजह से नदी का पानी लोगों के घरों मे पहुंच गया है. दोनों नदियों के उफान की वजह से तटीय इलाकों में बसे मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. यही नहीं, लोगों के घरों के पहले तल (First Floor) पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. इस वजह से लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं, बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने अपने घरों की छतों पर ही रहने को मजबूर हैं.
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जानकारी के अनुसार लोगों ने बताया कि हर साल यहां बाढ़ आती है जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाता है. साथ ही बताया कि हम लोग घर को छोड़कर किसी शेल्टर होम में चले जाते हैं या फिर घर की छतों पर ही रहने को मजबूर होते हैं. वहीं, बाढ़ के पानी की वजह से काफी सामान बर्बाद हो जाता है.
इसके अलावा लोगों ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई हो या फिर दफ्तर दोनों इससे प्रभावित होते हैं. नदी का जलस्तर इतना बढ़ जाता है कि बिना नाव की मदद के घर से बाहर कदम भी नहीं रख सकते. बाढ़ आने पर बिजली और पानी दोनों की सप्लाई ठप हो जाती है.
वहीं, लोगों का कहना है कि अचानक से ही बांध का पानी खोल देने से जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है. यदि उसकी जानकारी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पहले ही दे दी जाए तो उनका नुकसान नहीं होगा और वो लोग समय से ही अपना सामान समेटकर सुरक्षित स्थान पर जा पाएंगे. उधर जिला प्रशासन का दावा है कि 12 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं और 98 बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
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