हर देश की अपनी विशेषता और इतिहास होता हैं जिसके लिए उसे पहचाना जाता हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जो विवादों में रहा हैं और इसे आज भी कई मुल्कों द्वारा मान्यता नहीं मिली हैं। हम बात कर रहे हैं स्वघोषित गणराज्य कोसोवो की जिसे 100 से ज्यादा देशों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी हैं। लेकिन स्पेन, ग्रीस, सर्बिया, रूस और बोस्निया जैसे कई देश कोसोवो को एक आजाद देश नहीं मानते है। यह मामला हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी गया था, लेकिन अदालत ने कोसोवो के पक्ष में ही फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोसोवो की सर्बिया से आजादी की घोषणा अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है।
कोसोवो एक लैंडलॉक (चारों ओर जमीन से घिरा) देश है, जिसके उत्तर और पूर्व में सर्बिया स्थित है, जिससे वो आजाद हुआ है। एक समय में कोसोवो सर्बियाई साम्राज्य का केंद्र था, लेकिन वर्ष 1398 में ओटोमैन से हार के बाद सर्बिया ने इसे खो दिया था। हालांकि 20वीं शताब्दी में सर्बिया ने फिर से कोसोवो पर नियंत्रण कर लिया था।
10,887 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला कोसोवो पूरे बाल्कन क्षेत्र में मौजूद सभी देशों में से सबसे छोटा है। इसके बाद जमैका और लेबनान के स्थान आता है। इस देश की अधिकांश आबादी मुस्लिम है और ज्यादातर लोग गरीबी रेखा में ही जी रहे हैं।
कोसोवो का लगभग 40 फीसदी हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है, जिसमें अधिकतर ओक और चीड़ के पेड़ हैं। ओक को बांज या बलूत या शाहबलूत भी कहते हैं। वैसे तो यह पेड़ धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन इनकी 200-300 साल तक रहती है। वहीं चीड़ ऐसे पेड़ होते हैं जो धरती पर एकदम सीधे खड़े रहते हैं। ये तीन से 80 मीटर तक लंबे हो सकते हैं। पूरी दुनिया में इनकी 100 से भी ज्यादा प्रजातियां हैं।
अगर आप कोसोवो में रह रहे हैं और वहां के नागरिक नहीं है तो आपके पैदा होने वाले बच्चे को भी वहां की नागरिकता नहीं मिल सकती। बच्चों को इस देश की नागरिकता तभी मिलती है जब माता या पिता में से कोई एक कोसोवो का नागरिक हो।
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