लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आन्दोलन को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने रविवार को अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार किसानों के दुख दर्द का एहसास अभी भी नहीं कर रही है। उसे झूठे भुलावों में फंसाये रखना चाहती है। किसानों की राय के बिना थोपे गए कृषि कानूनों पर अभी भी भाजपा सरकार हठधर्मी दिखा रही है जबकि किसानों के पक्ष में उमड़ा जनभावना का अभूतपूर्व सैलाब यह दर्शाता हैं कि उनसे आम जनता कितना दुखी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की प्राथमिकता में किसान और खेती नहीं, उद्योगपति और बड़े पूंजीघराने रहे हैं। किसानों को बदनाम करने के प्रपंचों से किसान इसीलिए बहुत आहत हैं। भाजपा ने नोटबंदी, जीएसटी, श्रम कानून और कृषि कानून लाकर खरबपतियों को ही फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाए हैं। आम जनता को तो भाजपा ने बस सताया ही है। अखिलेश ने कहा कि वैसे भी किसान भाजपा सरकार के कार्यकाल में चौतरफा मार का शिकार है। खेतों में बुवाई कर रहे मक्का किसानों पर मंहगाई की मार है। मक्का बीज के दाम 470 रुपये तक बढ़ गए हैं। इससे मक्का की बुवाई का रकबा घट सकता है। किसान का मक्का तो सस्ता है, पर बीज महंगा है। अब उसके नुकसान को देखते हुए बीज पर सब्सिडी दी जानी चाहिए। लेकिन, भाजपा सरकार मुंह पर पट्टी बांधे है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का अभी भी लगभग 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। मिल मालिक न सरकार के दबाव में है, न किसानों को बकाया भुगतान करने के मूड में है। अकेले बांदा में 7,065 किसानों का भुगतान मिलों ने नहीं किया है। गन्ना किसान खून के आंसू रो रहे हैं, धान किसान भी मुसीबत में है। क्रय केन्द्र प्रभारी और बिचौलियों की सांठगांठ के चलते किसान को औने-पौने दाम में अपना धान देने को मजबूर होना पड़ा है। धान का निर्धारित समर्थन मूल्य तो बस मुख्यमंत्री की कागजी घोषणा बनकर रह गया। अब मुख्यमंत्री गेहूं खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वांइट ऑफ परचेज) मशीनों से कराने का किसानों को सपना दिखा रहे हैं। उन्होंने उपज का भुगतान 72 घंटे के भीतर भुगतान करने को भी कहा है। बेहतर होता मुख्यमंत्री एक बार इस बात की भी समीक्षा कर लेते कि चीनी मिल मालिकों पर अभी तक गन्ना किसानों का कितना भुगतान बकाया है? धान क्रय केन्द्रों पर कितने किसानों को एमएसपी का भुगतान नहीं हुआ? मुख्यमंत्री बताएं कि किसानों का बकाया का किस तारीख में भुगतान होगा? अब गेहूं खरीद में जो मशीन लगेगी उनके प्रयोग का प्रशिक्षण कौन देगा? उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि किसान को भाजपा सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर रही है।
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