अमेरिका में फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) की कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद होने वाली एलर्जी (Allergy) के मामले बढ़ते जा रहे है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, CDC ने कहा है कि फाइजर (Pfizer) की वैक्सीन लगाने के बाद गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के अब तक 28 मामले सामने आ चुके हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) अब मामलों को मॉनिटर कर रहा है। वहीं, अमेरिका के मियामी शहर में डॉक्टर ग्रेगरी माइकल (56) की फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने के 16 दिन बाद मौत हो गई। डॉक्टर ग्रेगरी की रविवार सुबह अचानक से रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी दुर्लभ बीमारी होने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई। डॉक्टर ग्रेगरी की प्लेटलेट्स जीरो तक पहुंच गए थे।
डॉक्टर ग्रेगरी की पत्नी हेइदी नेकेलमान ने कहा कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन ने कहीं न कहीं से इस बीमारी को पैदा किया। हेइदी नेकेलमान ने डेलीमेल से कहा, ‘मेरा मानना है कि डॉक्टर ग्रेगरी की मौत का सीधा संबंध वैक्सीन से है। इसकी कोई और व्याख्या नहीं हो सकती है।’
हेइदी नेकेलमान ने कहा 18 दिसंबर को उनके पति को कोरोना वैक्सीन लगने से पहले वह पूरी तरह से स्वस्थ और एक्टिव थे। यही नहीं डॉक्टर को पहले से कोई बीमारी भी नहीं थी। पत्नी ने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद उनके पति के खून में रहस्यमय गड़बड़ी आ गई थी।
हेइदी ने कहा, ‘डॉक्टर ग्रेगरी पूरी तरह से स्वस्थ थे। वह सिगरेट भी नहीं पीते थे। कभी कभी ही वह शराब पीते थे। वह व्यायाम करते थे और समुद्र में गोते लगाते थे। उन्होंने मेरे पति की हर तरह से जांच की। यहां तक कि कैंसर की भी जांच की गई और उनके अंदर कुछ भी गलत नहीं पाया गया।’
प्लेटलेट्स जीरो तक पहुंच गए
हेइदी ने कहा, ‘प्लेटलेट्स को छोड़कर खून की सारी जांच सामान्य आई। प्लेटलेट्स जीरो तक पहुंच गए। पहली बार डॉक्टर ग्रेगरी की जांच कर रहे डॉक्टरों ने सोचा कि यह गलती से हुआ है। इसलिए उन्होंने दोबारा जांच की तो केवल एक प्लेटलेट दिखाई दिया। इसके बाद भी डॉक्टर ग्रेगरी सामान्य थे और ऊर्जा से भरे हुए थे। डॉक्टरों ने ग्रेगरी को घर नहीं जाने की सलाह दी क्योंकि यह बहुत ही खतरनाक था। इससे उनके सिर में बहना शुरू हो जाता और उनकी मौत हो जाती है।’ प्लेटलेट्स आमतौर पर 1,50,000 से 4,50,000 के बीच रहते हैं।
वैक्सीन के 3 दिन बाद दिखा साइड इफेक्ट
बताया जा रहा है कि वैक्सीन लगने के बाद डॉक्टर ग्रेगरी के अंदर तत्काल कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया था। हालांकि 3 दिन बाद जब डॉक्टर नहा रहे थे, उस समय उन्होंने देखा कि हाथ और पैर पर खून की तरह से लाल चकत्ते पड़े हुए हैं। जब उन्होंने खुद ही अपने माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में अपनी जांच की तो अन्य डॉक्टरों को पता चला कि वह प्लेटलेट की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इसी अस्पताल में डॉक्टर ग्रेगरी को टीका लगाया गया था।
फाइजर कंपनी ने कही ये बात
उधर, इस मौत पर फाइजर कंपनी ने कहा है कि उन्हें डॉक्टर ग्रेगरी के ‘बहुत ही असामान्य’ मौत की जानकारी है और वे इसकी और ज्यादा जांच कर रहे हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस समय हम नहीं मानते हैं कि वैक्सीन का डॉक्टर ग्रेगरी की मौत से कोई सीधा संबंध है।’
पुर्तगाल में महिला हेल्थ वर्कर की मौत
बता दे, इससे पहले पुर्तगाल में फाइजर की कोरोना वैक्सीन लेने के दो दिन बाद कैंसर के अस्पताल में काम करने वाली एक महिला हेल्थ वर्कर की मौत हो गई। सोनिया असेवेदो (41) की कोरोना वैक्सीन लेने के करीब 48 घंटे बाद बाद नए साल के दिन ‘अचानक से मौत’ हो गई। बताया जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उनके अंदर कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया था। सोनिया के पिता अबिलियो असेवेदो ने एक पुर्तगाली अखबार से बातचीत में कहा, ‘मेरी बेटी ठीक थी। उसे कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं थी। बेटी ने कोरोना वैक्सीन लगवाया था लेकिन उसे कोई लक्षण नहीं था। मैं नहीं जानता कि क्या हुआ। मैं केवल जवाब चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं केवल यह जानना चाहता हूं कि किस वजह से मेरी बेटी की मौत हो गई।’
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