इंग्लैंड में बहने वाली व्हार्फ नदी (बोस्टन स्ट्रिड) को बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आज तक जो भी इस नदी में गया, वह जिंदा बाहर नहीं लौटा सका और न ही कभी उसकी डेड बॉडी मिली। बता दें कि बेहद ही खूबसूरत दिखने वाली ये नदी बोल्टन अब्बे क्षेत्र में महज 6 फीट चौड़ी है, लेकिन इसकी गहराई बहुत ही ज्यादा है। साथ ही पथरीले रास्तों से गुजरने के कारण इसका बहाव भी काफी तेज है। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही नदी में जाता है, वह तेज धार के कारण बह जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि यॉर्कशायर में जब ये नदी बहती है, तब इसका बहाव धीमा होता है, क्योंकि वहां इसकी चौड़ाई 30 फीट तक है। लेकिन जैसे ही बोल्टन अब्बे एरिया में आती है, इसका बहाव काफी तेज हो जाता है। दरअसल, पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बोल्टन अब्बे में नदी को संकरे रास्तों से गुजरना पड़ता है, जिसकी वजह से इसकी रफ्तार बढ़ जाती है। इसके तेज बहाव के कारण पहाड़ भी काफी नुकीले हो गए हैं। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही बोल्टन अब्बे एरिया में इस नदी के अंदर जाने की कोशिश करता है, वह तेज धार की वजह से नुकीले पहाड़ों से टकरा जाता है और उसकी बॉडी खाई में समा जाती है।
स्थानीय प्रशासन ने नदी में घुसने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। नदी के आसपास बाकायदा इससे जुड़े बोर्ड भी लगे हैं, जिस पर साफ लिखा है कि नदी में डाइविंग, तैरना और नहाना मना है, क्योंकि ये नदी खतरनाक है। हालांकि, इसके बावजूद कई लोग गलती से इस नदी में घुसकर अपनी जान गंवा चुके हैं। साल 2010 में एक 8 साल के लड़के की मौत इस नदी में डूबने की वजह से हो गई थी। वहीं, इसको पार करने में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।
बेटी की मौत के बाद दान में दे दिया था ये जगह-ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र पर लेडी अलाइस डि रोमिल्ली नाम की महिला का अधिकार था। 1154 में उसके बेटे की मौत इस नदी में गिरने की वजह से हो गई थी। इसके बाद लेडी अलाइस ने आसपास के पूरे क्षेत्र को बोल्टन प्रायरी ईसाई मठ बनाने के लिए दे दिया। इस दुखद किंवदंती पर विलियम वर्ड्सवर्थ ने एक कविता भी लिखी है।
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