पुरे भारत मे अचलेश्वर महादेव के नाम से कई मन्दिर है पर आज हम बात कर रहे है राजस्थान के धौलपुर जिले में स्तिथ अचलेश्वर महादेव मन्दिर के बारे मे। धौलपुर जिला राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यह इलाका चम्बल के बीहड़ों के लिये प्रसिद्ध है। इन्ही दुर्गम बीहड़ो के अंदर स्तिथ है, भगवान अचलेश्वर महादेव का मन्दिर। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है यहाँ स्तिथ शिवलिंग जो कि दिन मे तीन बार रँग बदलता है।
सुबह में शिवलिंग का रंग लाल रहता है, दोपहर को केसरिया रंग का हो जाता है, और जैसे-जैसे शाम होती है शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है। ऐसा क्यों होता है इसका किसी के पास जवाब नहि है। भगवान अचलेश्वर महादेव का यह मन्दिर हज़ारों साल पुराना है। चुकी यह मंदिर बीहड़ों मे स्तिथ है और यहाँ तक पहुचने क रास्ता बहुत हि पथरीला और उबड-खाबड़ है इसलिए पहले यहाँ बहुत हि कम लोग पंहुचते थे परन्तु जैसे-जैसे भगवान के चमत्कार कि खबरे लोगो तक पहुँचि यहाँ पर भक्तों कि भिड़ ज़ुटने लगी।
इस शिवलिंग कि एक और अनोखी बात यह है कि इस शिवलिंग के छोर का आज तक पता नहि चला है। कहते है बहुत समय पहले भक्तों ने यह जानने के लिए कि यह शिवलिंग ज़मीं मे कितना गड़ा है, इसकि खूदाई करी, पर क़ाफी गहराई तक खोदने के बाद भि उन्हे इसके छोर का पता नहि चला। अंत में उन्होंने इसे भग्वान का चमत्कार मानते हुए खुदाई बन्द कर दी।
भक्तों का मानना है कि भगवान अचलेश्वर महादेव सभी कि मनोकामना पूरी करते है खास तौर पर यदि कुंवारे लड़के-लड़कियां यहा पर आकर अपनी शादी कि मुराद माँगते है तो वो अति-शीघ्र पूरी होती है।
अब यदि आपको कभी धौलपुर जाने का अवसार प्रप्त हो तो आप भगवान अचलेश्वर महादेव के दर्शनों का लाभ उठाइयेगा।
More Stories
Ayodhya Darshan Guide: जाने राम मंदिर खुलने, बंद होने और रामलला के आरती का समय, पढ़ें ये जरूरी बातें !
Ganesha Chaturthi 2022 : विशेष मान्यताएँ हैं राजस्थान के इन 8 गणेश मंदिर की, जाने !
स्वर्ग के समान हैं वृन्दावन भूमि; कृष्ण भक्तों के लिए, यहां इन 8 मंदिरों के दर्शन जरूर करें !