हिन्दू धर्म में दशहरा अथवा विजय दशमी का बहुत ही का महत्त्व है| यह दिन बुराई पर अच्छाई, झूठ पर सच्चाई की विजय का प्रतीक है| प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की दशमी तिथि पर यह अत्यंत शुभ पर्व पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास से मनाया जाता है| इस वर्ष यह उत्साहपूर्ण पर्व 19 अक्तूबर 2018 को धूमधाम से मनाया जाएगा|
दशहरा नाम संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुआ है जिसे विच्छेद करने से बनता है ‘दशा’ यानि दस एवं ‘हारा’ यानी हार जिसका अर्थ है दस सर वाले रावण की हार| विजय दशमी का अर्थ है हिन्दू पंचांग की दशमी तिथि पर बुराई पर सच्चाई की विजय|
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब श्रीराम 14 वर्षों के वनवास में अपना जीवन यापन कर रहे थे तो लंकापति रावण ने उनकी पत्नी माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका की अशोक वाटिका में बंदी बना कर रखा लिया था| श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण, भक्त हनुमान और सुग्रीव, जामवंत आदि से संपन्न वानर सेना के साथ रावण की सेना से लंका में ही पूरे नौ दिनों तक युद्ध लड़ा| मान्यता है कि उस समय प्रभु राम ने देवी माँ की उपासना करी और उनके आशीर्वाद से आश्विन मास की दशमी तिथि पर अहंकारी रावण का वध किया|
एक और कथा के अनुसार असुरों के राजा महिषासुर ने देवों को पराजित कर इन्द्रलोक और समस्त पृथ्वी पर अपना वर्चस्व कायम कर दिया था| चूंकि ब्रह्मदेव के वरदान से महिषासुर को ना ही कोई पुरुष, ना कोई देव, यहाँ तक कि स्वयं त्रिदेव यानि ब्रह्मा विष्णु महेश भी उसका वध नहीं कर सकते थे| ऐसे में त्रिदेवों के साथ मिलकर सभी देवों ने अपनी शक्तियों से देवी महालक्ष्मी की उत्पत्ति की| तत्पश्चात देवी माँ ने महिषासुर के साथ उनकी सेना का वध कर देवों को पुनः स्वर्गलोक का अधिकार दिलवाया और समस्त विश्व को महिषासुर के आतंक से मुक्त करवाया| माँ की इस विजय को ही विजय दशमी के नाम से मनाया जाता है| देवी महालक्ष्मी का रूद्ररूप को माँ दुर्गा के नाम से प्रख्यात हुआ|
दशहरा शुभ मुहूर्त
दशहरा / विजय दशमी तिथि – 19 अक्तूबर 2018, शुक्रवार
विजय मुहूर्त – 13:58 से 14:43 बजे तक
अपराह्न पूजा मुहूर्त – 13:13से 15:28 बजे तक
दशमी तिथि प्रारंभ – 03:28 बजे, 18 अक्तूबर 2018
दशमी तिथि समाप्त – 17:57 बजे, 19 अक्तूबर 2018
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