July 9, 2024

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कहानी गाटा लूप्स के भूत की: Gata Loops Ghost’s Story

Gata Loops Ghost’s Story & History in Hindi : हिमाचल प्रदेश की वादियां जितनी सुंदर हैं, उतनी खतरनाक भी कही जाती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं यहां के एक ऐसे दुर्गम स्थान के बारे में जिसके बारे में कहा जाता है की इस स्थान पर भूत रहता है। यहां से निकलने वाले लोग इस भूत के स्थान पर मिनरल वाटर और सिगरेट रखकर ही आगे जाते हैं।

हिमाचल के मनाली लेह मार्ग पर है गाटा लूप्स। करीब 17,000 फिट की ऊंचाई पर वीरान पहाड़ और खामोशी एक अजीब सा अहसास कराती है। यहीं पर है भूत का एक छोटा सा घर यह स्थान (घर) कैसे बना इसकी एक अलग कहानी है। एक तो इस डरावनी जगह पर कोई जाता ही नहीं है, जो लोग इस जगह से गुजरते हैं वह यहां भूत के इस रहस्यमयी स्थान के सामने मिनरल वाटर और सिगरेट रखकर ही आगे जाते हैं।

यह है भारत का सबसे खतरनाक रास्ता
मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर खतरनाक 21 घुमावदार चक्करों वाले हेयर पिन बेंड को गेटा लूप्स कहा जाता है। इसे भारत का सबसे खतरनाक रास्ता भी माना जाता है। सर्दियों में तो यह रास्ता भारी बर्फबारी के कारण बंद ही रहता है। मनाली से केलांग होते हुए हिमाचल प्रदेश की सीमा में पहुंचते ही सराचू के पठारी मैदान दिखते हैं। इसके बाद एक नदी आती है, फिर एक खतरनाक पहाड़ी आती है।

80 डिग्री के घुमावदार रास्ते
सीधे चढ़ाई वाले पहाड़ बड़े पहाड़ बहुत ही डरावने से लगते हैं। भूस्खलन के कारण यहां के रास्ते महीनों बंद रहते हैं। 180 डिग्री के घुमावदार रास्ते को हेयर पिन बेंड कहा जाता है। 21 चक्कर वाला गाटा लूप विश्व के सबसे खतरनाक हेयर पिन बेंड में आता है। इसका घुमावदार रास्ता ही इसकी पहचान नहीं है। एक अन्य कारण से भी इसे लोग जानते हैं। हिमाचल में ऐसा माना जाता है कि एक लड़के की आत्मा इस स्थान पर रहती है। पहले आत्मा ने यहां के लोगों को थोड़ा परेशान किया। फिर यहां से निकलने वाले लोगों ने उसके रहने के लिए छोटा से घर का निर्माण करा दिया। इसी मंदिर में भूत का घर कहा जाता है। इसमें चढ़ावे के रूप में मिनरल वाटर और सिगरेट और शराब भेंट की जाती है।

इस स्थान से जुडी कहानी
इस इलाके में ऐसा कहा जाता है कि करीब डेढ़ दशक पहले इस स्थान पर एक ट्रक खराब हो गया था। सर्दी की शुरूआती दौर था हल्की बर्फबारी हो रही थी। ट्रक ड्राइवर, क्लीनर को ट्रक में ही छोड़ मदद के लिए गांव पैदल चला गया। इस स्थान से उस गांव की दूरी करीब चालीस किलोमीटर के आसपास थी। इस दौरान मौसम और खराब हो गया तथा भारी बर्फबारी के कारण रास्ता बंद हो गया। एक सप्ताह बाद बर्फीला तूफान थमा। ड्राइवर जब मदद लेकर लौटा, तब तक क्लीनर की भूख-प्यास और मौसम की वजह से मौत हो गई। उसकी लाश ट्रक के अंदर मिली थी।

अजीव एवं डरावनी घटनाएं होने लगीं
अपने सहायक की मौत से दुखी ड्राइवर ने उसे उसी स्थान पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जिस स्थान पर ट्रक खड़ा किया गया था उसी स्थान पर क्लीनर को दफन कर दिया गया। इस घटना के कुछ ही दिन बाद इस स्थान पर यहां से निकलने वाले लोगों के साथ अजीव एवं डरावनी घटनाएं होने लगीं। इस जगह पर एक लड़का लोगों को अकसर दिखने लगा, जो उनसे कुछ खाने और पीने को पानी मांगता। जो लोग उसे यह नहीं देते थे वह किसी न किसी हादसे का शिकार होने लगे। ऐसा कहा जाता है कि बाहर से आने वाले लोगों को इतनी ऊंचाई पर सांस लेने में दिक्कत के कारण मौत भी हो जाया करती थी। कई लोगों ने उस लड़के को पानी भी दिया, पर पानी की बोतल उसके हाथ से नीचे गिर जाती थी और वह बड़ी ही लाचार स्थित में वैसे ही आंखों में आंसू लिए लोगों से पानी और खाना मांगता रहता था।

किसके कहने पर बनाना पड़ा स्थान
उस दौरान इस दुर्गम स्थान पर इतने हादसे होने लगे की लोग यहां जाने से मना करने लगे। पूरे हिमाचल में इस जगह के बारे में चर्चा शुरू हो गई। इस भूत को शांत करने के लिए पंडित बुलाए गए जिन्होंने कर्मकाण्ड के बाद यहां उसका एक स्थान बनवा दिया। यहां से गुजरने वाले ड्राइवर इस स्थान पर मिनरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक की भरी बोतलें चढ़ाने लगे। कई लोग शराब और सिगरेट भी इस स्थान में चढ़ावे के तौर पर भेंट देने लगे। गांव के लोगों का कहना है कि भूत का स्थान बनने के बाद लोगों को उस युवक का भूत दिखना बंद हो गया।