Ajanta caves के बारे में बात करें तो महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में अजंता की गुफाएं लगभग 30 बौद्ध गुफा स्मारक के रूप में स्थित हैं जो दूसरी शताब्दी BCE से लेकर 480 या 650 CE तक हैं के काल में बनी हुई है और गुफाओं का मुख्य आकर्षण है वंहा की पेटिंग और चट्टानों से तराशी गयी मूर्तियाँ जो प्राचीन भारतीय कला का बेजोड़ उदाहरण है तो चलिए Ajanta caves history के बारे में कुछ और जानकारी पर बात करते है –
अजंता की गुफाओं में जो चित्र मिलते है उनमे खास तौर पर एक अलग तरह की खूबसूरती है जो जो इशारे, मुद्रा और रूप के माध्यम से भावना प्रस्तुत करते हैं। यूनेस्को के मुताबिक, ये बौद्ध धार्मिक कला की कृतियां हैं जो जिसने भारतीय कला को व्यापक तौर पर प्रभावित किया था | Ajanta caves को इनके निर्माण के आधार पर दो समूहों में बांटा गया है जिसमे पहले समूह का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ है और दूसरा ऐसा समूह है जिसका निर्माण 460 to 480 ईसवी में हुआ | यह जगह भारत के पुरातत्व विभाग ( Archaeological Survey of India ) की देखभाल में एक सरंक्षित जगह है | यूनेस्को ने भी इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में सूचीबद्ध किया है |
हालाँकि ajanta caves प्राचीन और अलग अलग बौध परम्पराओं के प्राचीन मठो और पूजा की जगह के तौर पर परिभाषित होती है लेकिन इसके अलावा यह प्राचीन भारत के व्यापारियों और तीर्थयात्रा करने वालों के लिए आराम करने की जगह भी रही है | इसमें दूसरी शताब्दी और तीसरी शताब्दी ईसापूर्व में प्रचलित बौद्ध देवताओं के चित्र भी बहुतायत से मिलते है | ajanta caves प्राचीन भारतीय चित्रकला को सरंक्षित रखने वाली ऐसी कुछ ऐतिहासिक जगहों में से है जन्हा हम प्राचीन भारत की चित्रकला के बारे में बहुत कुछ जान सकते है क्योंकि इस बारे में जानकारी देने वाली कोई दूसरी ऐतिहासिक जगह नहीं है जो इस बारे में हमे सटीकता से कुछ बताती हो क्योंकि वो सब समय के साथ साथ नष्ट हो चुकी है |
Ajanta caves के बारे में बहुत से उल्लेख मिलते है उन लोगो की किताबों में जिन्होंने मध्ययुगीन युग भारत की यात्रा की थी और उनमे से कुछ चीनी बौद्ध यात्रियों के यात्रा उल्लेख महत्वपूर्ण है | 17th शताब्दी के अकबर काल के युग में भी बहुत से लेखकों ने इस बारे में लिखा है | ajanta caves जंगल से घिरी हुई थी जब तक कि उन्हें गलती से नहीं खोज लिया गया | हुआ ये था कि 1819 में औपनिवेशिक ब्रिटिश अधिकारी को एक एक शिकार पार्टी पर जिसमे वो tiger का शिकार कर रहे थे इस बारे में पता चला और उसी समय पश्चिम का ध्यान इस ओर गया | ajanta caves एक चट्टान के किनारे स्थित है जो कि एक छोटी नदी वाघुर के उतर में स्थित है | Ellora caves के साथ ajanta caves महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन क्षेत्र है जो पचोरा रेलवे स्टेशन से 60 Km दूर है | औरंगाबाद शहर से 104 और वन्ही मुंबई से 350 KM दूर है | Ellora caves से इनकी दूरी 100 KM है | एक खास बात ये भी है कि अजन्ता की गुफाओं से मिलती जुलती शैली एलोरा गुफाओं और अन्य स्थलों जैसे एलीफांटा गुफाएं और कर्नाटक के गुफा मंदिरों में भी देखने को मिलती है |
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