July 9, 2024

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खजुराहो मंदिर का इतिहास

खजुराहो समूह भारत के मध्यप्रदेश के हिन्दू और जैन मंदिरो का समूह है जो झाँसी से 175 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है। खजुराहो समूह भी यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल है। खजुराहो मंदिर  अपनी नागरा आकृति और कलात्मक कलाकृति और कामोत्तेजक मूर्तियो के लिये प्रसिद्ध है। बहुत से खजुराहो मंदिरो का निर्माण 950 और 1050 में ही चंदेला साम्राज्य में हुआ था।

इतिहासिक जानकारों के अनुसार 12 वी शताब्दी से खजुराहो मंदिरो के समूह में कुल 85 मंदिर है, जो 20 किलोमीटर वर्ग के दायरे में फैले हुए थे। इनमे से अब केवल 20 मंदिर ही बचे हुए है जो 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए है। बचे हुए मंदिरो में कन्दारिया महादेव मंदिर बहोत सी इतिहासिक मूर्तियो से बना है जिनपर इतिहास की विविध घटनाओ की जानकारी भी लिखी गयी है, यह मंदिर भारतीय प्राचीन कला प्रदर्शन का सजीव उदाहरण है।

खजुराहो के मंदिर मुख्यतः दो धर्मो के लोगो के लिये बनाये गये है – मुख्यतः हिन्दू और जैन – इन मंदिरों में हिन्दू और जैन धर्म की परंपराओ और उनके इतिहास का वर्णन किया गया है।

खजुराहो स्मारकों का समूह राजपूत चंदेला साम्राज्य के शासनकाल में बनाया गया है। चंदेला शासन की ताकत का विस्तार होते ही उनके साम्राज्य को बुंदेलखंड का नाम दिया गया और तुरंत खजुराहो स्मारकों का निर्माणकार्य शुरू किया। खजुराहो के बहुत से मंदिर हिन्दू राजा यशोवर्मन और ढंगा के शासनकाल में बने है। यशोवर्मन की महानता को हम लक्ष्मण मंदिर में देख सकते है। विश्वनाथ मंदिर दुसरे शासक ढंगा की महानता को दर्शाता है।

लेकिन खजुराहो स्मारकों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर  है जो 1017-1029 CE में गंडा राजा के शासनकाल में बना हुआ है। और इतिहासकारों के अनुसार खजुराहो स्मारकों में बहुत से मंदिर 970 से 1030 CE के समय में ही बने है।

खजुराहो मंदिर कलिंगर क्षेत्र के चंदेला साम्राज्य की राजधानी महोबा शहर से 35 मील दूर बने है। मध्यकालीन भाग में उनके साम्राज्य को जिझोती, जेजहोती, चिह-ची और जेजाकभुक्ति कहा जाता था।

पर्शियन इतिहासकार रिहन-अल-बिरूनी ने महमूद गजनी ने 1022 CE में कलिंगर पर किये आक्रमण का वर्णन किया है। उसने खजुराहो को जजहुती की राजधानी बताया। गजनी का यह धावा असफल रहा क्योकि हिन्दू राजा महमूद गजनी को फिरौती देने को भी राजी हो गये थे।

12 वी शताब्दी में खजुराहो मंदिर काफी सक्रीय थे। खजुराहो स्मारकों में बदलाव 13 वी शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के आक्रमण के बाद हुआ, सुल्तान कुतुब-उद-दिन ऐबक ने आक्रमण कर के चंदेला साम्राज्य को छीन लिया था। इसकी एक शताब्दी के बाद ही इब्न बतुत्ता, मोरक्कन यात्री तक़रीबन 1335 से 1342 CE तक भारत रुका और उसने अपने लेखो में खजुराहो को “कजर्रा” कहते हुए कहा की।

मध्य भारतीय क्षेत्र में खजुराहो मंदिर 13 से 18 वी शताब्दी के बिच मुस्लिम शासको के नियंत्रण में थे। इस काल में बहोत से मंदिरों का अपमान कर उन्हें नष्ट भी किया गया था। उदाहरण के लिये 1495 CE में सिकंदर लोदी ने अपनी सैन्य शक्ति के बल पर खजुराहो मंदिरों का विनाश किया था। लेकिन बाद में हिन्दुओ और जैन धर्म के लोगो ने एकत्रित होकर खजुराहो मंदिर की सुरक्षा की।

लेकिन जैसे-जैसे सदियाँ बदलती गयी वैसे-वैसे वनस्पति और जंगलो का भी विकास होता गया और और खजुराहो के मंदिर भी सुरक्षित हो गये।

1830 में स्थानिक हिन्दुओ ने ब्रिटिश सर्वेक्षक टी.एस. बर्ट को मार्गदर्शित किया। लेकिन बाद में एलेग्जेंडर कन्निंघम ने बताया की खजुराहो मंदिरों का ज्यादातर उपयोग हिन्दू योगी ही करते थे और हजारो हिन्दू और जैन धर्म के लोग शिवरात्रि मनाने फरवरी और मार्च के महीने में हर साल आते थे। 1852 में मैसी ने खजुराहो मंदिरों की कलाकृति भी बनवायी।

कला और मूर्तिकला:

खजुराहो मंदिरों में कलात्मक कार्य किया गया है जिनमे मंदिर के आंतरिक और बाहरी भागो पर 10% कामोत्तेजक कलाकृतिया बनायी गयी है। इनमे से कुछ मंदिरों में लंबी दीवारे बनी हुई है जिनमे छोटी लेकिन कामोत्तेजक कलाकृतिया बनी हुई है। कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है की प्राचीन सदियों में यहाँ कामुकता का अभ्यास किया जाता था।

जबकि कुछ विद्वानों का ऐसा कहना है की कामुक कलाकृतिया हिन्दू परंपरा का ही एक भाग है और मानवी शरीर के लिये यह बहुत जरुरी है। जेम्स मैककोन्नाचि ने अपने कामसूत्र के इतिहास में खजुराहो का भी वर्णन किया है।

खजुराहो मंदिर की कुछ महत्वपूर्ण और रोचक बातो को जानते है :

  1. खजुराहो मंदिर का निर्माण कुंडलीदार जटिल रचना के आकार में किया गया है। खजुराहो मंदिर उत्तर भारतीय शिखर मंदिर के आकार में जुड़े हुए है।
  2. खजुराहो मंदिर अपनी आकर्षित कलाकृति और इतिहासिक मूर्तियों के लिये प्रसिद्ध है।
  3. खजुराहो मंदिर के अन्दर के कमरे एक दुसरे से जुड़े हुए है। कमरों में एक तरह से कलाकृति की गयी है की कमरों की खिडकियों से सूरज की रौशनी पुरे मंदिर में फैले। और लोग भी मंदिर को देखते ही आकर्षित होते है।
  4. खजुराहो नाम हिंदी शब्द ‘खजूर’ से आया है जिसका अर्थ “खजूर फल” है।
  5. इस मंदिर का निर्माण 950 और 1050 AD में चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था।
  6. पहले प्राचीन काल में खजुराहो समूह में कुल 85 मंदिर थे लेकिन प्राकृतिक आपदाओ के कारण बहोत से मंदिर अब नष्ट हो चुके है। अब खजुराहो में केवल 22 हिन्दू मंदिर ही बचे हुए है।
  7. 20 वी शताब्दी में ही खजुराहो मंदिरों को पुनःखोजा गया था।
  8. यह मानना गलत होगा की खजुराहो मंदिर केवल कामुक कलाकृतियों के लिये ही प्रसिद्ध है। बल्कि ये कामुक कलाकृतिया प्राचीन भारत की परंपराओ और कलाओ का प्रतिनिधित्व करती है।
  9. खजुराहो मंदिर में मध्यकालीन महिलाओ के जीवन को पारंपरिक तरीके से चित्रित किया हुआ है।
  10. हजारो श्रद्धालु और यात्री खजुराहो मंदिर देखने आते है। खजुराहो मंदिर मध्य भारत के ह्रदय मध्य प्रदेश के दायी तरफ स्थित है।