पटना एक ऐसा शहर जिसे प्यार की बोली के लिए जाना जाता हैं और इसका पुराना नाम पाटलिपुत्र था। पटना कई प्राचीन नगरों में होने के बाद भी आज के इस आधुनिक युग में बहुत तरक्की कर रहा हैं। अगर घूमने का शौक रखते हैं और कभी पटना जाने का मौका मिले तो यहां की कुछ प्रसिद्द पर्यटन स्थलों पर जरूर जाए जो यहां के इतिहास से अवगत कराती हैं और पटना में घूमने का मजा देती हैं। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में।
जालान संग्रहालय
जालान संग्रहालय में अधिकांश वस्तुएं आधुनिक युग की हैं और इसलिए आप इसमें यूरोपीयन कला वस्तुओं का एक अच्छा संग्रह भी देख सकते हैं। जालान संग्रहालय का निर्माण वर्ष 1919 में हुआ था। इस म्यूजियम में 10,000 से अधिक वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है, जिसमे चीनी मिट्टी के बरतन शामिल हैं। किला हाउस के रूप प्रचलित यह म्यूजियम जालान परिवार का निजी निवास है, अगर आप यहां की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए करीबन 48 घंटे पहले अनुमति लेनी होगी।
संजय गांधी पिकनिक स्पॉट
इस पार्क की खूबसूरती विभिन्न प्रकार के जानवर बढ़ाते हैं। संजय गांधी को शुरु से ही जानवर प्रिय थे। ऐसे में उनके जाने के बाद सरकार द्वारा उनकी याद में संजय गांधी पिकनिक स्पॉट पार्क बनवाया गया। चारों तरफ हरियाली और सुंदर दृश्य इस पार्क की खूबसूरती काफी हद तक बढ़ा देते हैं।
बुद्ध स्मृति पार्क
पटना जंक्शन के ठीक सामने स्थित बुद्ध स्मृति पार्क में लेजर-शो में बिहार के गौरवशाली इतिहास, रामायण और महाभारत काल के महापुरुषों को देख सकते हैं। इस पार्क का निर्माण बिहार में महात्मा बुद्धा की याद में बनवाया गया है। यह पार्क अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में फेमस है। लेजर शो प्रत्येक दिन शाम सात बजे से शुरू होता है। इसके लिए अलग से टिकट नहीं लेना पड़ेगा, इंट्री टिकट 20 रुपए मात्र देने होंगे।
श्रीकृष्ण साइंस सेंटर
यहां आप परिवार के साथ भरपूर मनोरंजन कर सकते है और खासकर तब जब बच्चे भी साथ हों। कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु के बाद पटना में श्रीकृष्ण साइंस केंद्र लोगों को पृथ्वी को करीब से जान पाने का मौका मिलता है। यह सब साइंस ऑन स्फेयर के माध्यम से संभव हो पाया है। 70 के दशक को नजदीक से देखने का मौका आपको और किसी जगह पर नहीं मिलने वाला। यहां पर आसानी से घूमने के लिए पटना में स्थानीय टैक्सी की सहायता ले सकते हैं।
पटना गोलघर
ऐसा कहा जाता है कि इस घर का निर्माण अंग्रेजों द्वारा 1930 में कराया गया था। सूखा पड़ने की वजह से अंग्रेजों ने काफी हद तक अनाज इस घर में स्टोर करके रखा था। शहर की खूबसूरती का दीदार एक ही जगह से करना हो तो पटना का गोलघर सबसे बेस्ट ऑपशन रहेगा। दो तरफ बनी सीढियों से ऊपर जाकर बिहार के दूर-दूर तक नजारे आपको इस शहर का दीवाना बना देंगे।
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