सुबह की शुरुआत सूरज के उगने से ही होती हैं जो कि पूरी पृथ्वी को रौशनी से भर देता हैं और ऊर्जा देता हैं। सूर्य को देवता मान उनकी पूजा की जाती हैं। ।वास्तु में भी सूरज की रोशनी का बड़ा महत्व माना गया हैं जो घर में सुख-शांति के साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर घर में सूरज की रोशनी कहाँ और क्यों जरूरी हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
– वास्तु के अनुसार, सिर्फ घर के कमरे में ही नहीं बल्कि रसोईघर और बाथरूम में रोशनी की व्यवस्था होनी बहुत जरूरी है। इससे घर में पैसों की किल्लत नहीं होती।
– बैडरुम में हमेशा धीमी लाइट होनी चाहिए क्योंकि तेज रोशनी आराम में बाधा डालेगी और नींद नहीं आएगी। अगर कमरे में सही रोशनी आएगी तो इससे वहां रहने वाला व्यक्ति ऊर्जावान महसूस करेगा।
– वास्तु के अनुसार, घर के हर कोने में रोशनी आना जरूरी है। इससे घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है। अगर ऐसा नहीं है तो कोशिश करें कि घर के ज्यादातर हिस्सों में रोशनी आ सके।
– ऐसा कहा जाता है कि घर के जिस कमरे में रोशनी नहीं आती वहां गंदगी और कीड़े-मकौड़ों का वास रहता है। इतना ही नहीं, इससे कमरे में रहने वाले व्यक्ति की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में कोशिश करें कि घर के कमरे में थोड़ी-बहुत रोशनी आ सके।
– सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है इसलिए घर ऐसा बनाएं कि इस समय सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में आ सके।
– दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक पढ़ने और काम करने का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है। ऐसे में अपनी लाइब्रेरी या स्टडी रूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनवाएं, ताकि वहां पर्याप्त रोशनी आ सके।
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