July 5, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

क्यों करना पड़ा शनिदेव को हनुमान जी के कोप का सामना ?

क्यों करना पड़ा शनिदेव को हनुमान जी के कोप का सामना ?

पुराणों में ऐसी कई कथाएं हैं जिनसे लोग अनजान हैं और ये बेहद हैरान करने वाली हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हनुमान जी और शनिदेव से जुड़ी एक पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें शनिदेव को हनुमान जी के कोप का सामना करना पड़ा था और इससे बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री का रूप धारण किया था। इस पौराणिक कथा पर ही आधारित एक मंदिर गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में स्थित हैं जिसे कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है की इस मंदिर में हनुमान जी के पैरों में स्त्री रूप में शनि देव बैठे है। तो आइये जानते हैं इसकी पौराणिक कथा के बारे में।

क्यों करना पड़ा शनिदेव को हनुमान जी के कोप का सामना ?

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। शनि के कोप से आम जनता भयंकर कष्टों का सामना कर रही थी। ऐसे में लोगों ने हनुमानजी से प्रार्थना की कि वे शनिदेव के कोप को शांत करें। बजरंग बली अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और उस समय श्रद्धालुओं की प्रार्थना सुनकर वे शनि पर क्रोधित हो गए। जब शनिदेव को यह बात मालूम हुई कि हनुमानजी उन पर क्रोधित हैं और युद्ध करने के लिए उनकी ओर ही आ रहे हैं तो वे बहुत भयभीत हो गए।

भयभीत शनिदेव ने हनुमानजी से बचने के लिए स्त्री रूप धारण कर लिया। शनिदेव जानते थे कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते हैं। हनुमानजी शनिदेव के सामने पहुंच गए, शनि स्त्री रूप में थे। तब शनि ने हनुमानजी के चरणों में गिरकर क्षमा याचना की और भक्तों पर से शनि का प्रकोप हटा लिया। तभी से हनुमानजी के भक्तों पर शनिदेव की तिरछी नजर का प्रकोप नहीं होता है। शनि दोषों से मुक्ति हेतु कष्टभंजन हनुमानजी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।