अक्सर देखा जाता हैं कि घरों में अकारण ही तनाव का माहौल बना हुआ रहता हैं और कलह-कलेश की स्थिति उत्पन्न होती हैं। ऐसा घर में उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा के कारण होता हैं। ऐसे में आपको चाहिए कि उन कारणों की पहचान की जाए तो घर में नकारात्मकता का कारण बनती हैं। आज हम आपको वास्तु में बताई गई कुछ ऐसी जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो जिनसे घर में नकारात्मकता आती हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
स्टडी-रुम को रखें बाथरुम से दूर
कभी भी बच्चों को पढ़ने के कमरे को बाथरुम के साथ न बनवाएं। ऐसा करने से बच्चों के ध्यान में कमी आ सकती है। घर के स्टडी रुम को भी बाथरुम से दूर ही रखने में बेहतरी है। डाइनिंग टेबल को भी हमेशा बाथरुम से दूर रखना चाहिए। कोशिश करें की बाथरुम और स्नानगृह घर के दरवाजे के साथ बाहर की तरफ ही बनें।
आइना
वास्तु अनुसार शौचालय व स्नानगृह में आइना नहीं होना चाहिए । इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और निवासियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है । अगर दर्पण को वास्तु के अनुसार रखा जाता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
बाथरुम को हमेशा साफ-सुथरा रखने की कोशिश करें, रोजाना घर के सभी सदस्यों के स्नान करने के पश्चात अच्छी तरह से स्नानघर की सफाई कीजिए। इससे आपकी सेहत व स्वास्थ हमेशा ठीक रहेगा।
टॉयलेट का दरवाजा
वास्तु के अनुसार बाथरुम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए। चाहे बाथरुम कितना भी साफ हो, तब भी दरवाजे को बंद रखने में ही बेहतरी है। इससे घर की पॉजिटिव वाइब्रेशन कायम रहेंगी।
टॉयलेट फ्रैशनर
शौचालय तथा स्नानगृह दोनों में टॉयलेट फ्रैशनर का इस्तेमाल जरुर करें। अगर बाथरुम में अच्छी स्मैल बनी रहेगी, तो घर में नेगेटिव वाइबस भी नहीं आएंगी।
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