December 19, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

80 साल पहले लाखों लोगों के मौत की वजह बना यह खूनी टेलीफोन !

आज का समय मोबाइल और स्मार्टफोन का हैं जिसमें टेलीफोन कहीं खोता हुआ नजर आ रहा हैं। लेकिन पहले के समय में टेलीफोन का काफी चलन था। लेकिन क्या आपने कभी खूनी टेलीफोन के बारे में सुना हैं जो लाखों लोगों की मौत की वजह बना हो। हम बात कर रहे हैं जर्मनी के खूंखार तानाशाह हिटलर के टेलीफोन की। यह टेलीफोन साल 1945 का बताया जाता है। साल 2017 में अमेरिका में इस फोन की नीलामी हुई थी, जिसमें यह करीब दो करोड़ रुपये में बिका था। हालांकि यह फोन किसने खरीदा था, इस बात का खुलासा नहीं किया गया है।

80 साल पहले लाखों लोगों के मौत की वजह बना यह खूनी टेलीफोन !

हिटलर को दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाहों में एक माना जाता है। मूल रूप से यह फोन काले रंग का था, जिसे बाद में लाल रंग में रंगा गया। इस फोन पर हिटलर का नाम और स्वास्तिक भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद साल 1945 में इस टेलीफोन को बर्लिन में हिटलर के बंकर से बरामद किया गया था। तब से लेकर साल 2017 तक इस फोन को एक बक्से में संभालकर रखा गया था, जब तक कि इसकी नीलामी नहीं हो गई।

हिटलर को यह फोन वेरमेच ने दिया था। कहते हैं कि 40 के दशक में इसी फोन से हिटलर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपने नाजी सैनिकों को आदेश देता था और उसके बाद नाजी बंधक बनाए गए लोगों को गोली मारकर या गैस चेंबर में जलाकर मौत के घाट उतार देते थे। हिटलर यहूदियों का कट्टर दुश्मन था। कहते हैं कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड में हिटलर की नाजी सेना के बनाए यातना शिविरों में करीब 10 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिसमें ज्यादातर यहूदी थे। नाजियों का ये यातना शिविर पोलैंड में है, जिसे ‘ऑस्त्विज कैंप’ के नाम से जाना जाता है।