अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरियाई के तानाशाह किम जोंग उन गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं और इन दिनों जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वो दिल की सर्जरी के बाद गंभीर रूप से बीमार हैं बताया जा रहा है कि कार्डियोवास्कुलर (Cardiovascular) ऑपरेशन के बाद किम ‘गंभीर खतरे में’ हैं। सीएनएन के मुताबिक किम जोंग की तबीयत पिछले कई महीने से खराब चल रही थी। किम जोंग उन बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं और उन्हें मोटापे की भी बीमारी है। किम जोंग उन को 11 अप्रैल को अंतिम बार देखा गया था। रिपोर्ट्स में किम के ब्रेन डेड होने की भी खबर है मगर उसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
किम जोंग की सनक और क्रूर तौर-तरीकों के कई किस्से मशहूर हैं। रहम नाम का शब्द उनकी डिक्शनरी में नहीं है। किसी को मरवा देना उसके लिए बड़ा आसान है। अपने आगे किसी और की ना सुनने वाले किम जोंग उन की सनक के किस्से बताते हैं कि वो एक बर्बर तानाशाह है। 2011 में सत्ता संभालने के बाद से ही किम जोंग उन की मीडिया में पहचान एक सनकी और बर्बर तानाशाह की रही है। उसके अजीबोगरीब फैसलों की खबरें पूरी दुनिया में छपती हैं। किम जोंग उन की वजह से ही मानवाधिकार के उल्लंघन वाले देशों में नॉर्थ कोरिया शीर्ष पर गिना जाता है। 2011 में नॉर्थ कोरिया की सत्ता संभालने के बाद, पहले छह साल में उसने कम से कम 340 लोगों को मरवाया।
जनरल को झपकी आई, किम ने मरवा दिया
नॉर्थ कोरिया के डिफेंस चीफ ह्योंग योंग ने मीटिंग के दौरान एक बार सुप्रीम लीडर के सामने झपकी ले ली। फिर क्या था, किम जोंग आगबबूला हो गया और उसे फौरन अरेस्ट करवा दिया। इसके बाद उसे एंटी एयरक्राफ्ट गन से मरवा दिया। ऐसा करते वक्त देश का हर बड़ा अधिकारी वहां मौजूद था ताकि उनके दिलों में खौफ बना रहे।
भाई को मरवाने वाला सुप्रीम लीडर
अपना विरोध करने पर किम जोंग उन ने भाई किम जोंग नैम को जहर देकर मरवा दिया था। 13 फरवरी, 2017 को मलेशिया के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उसे जहर दिया गया। हमले के फौरन बाद ही नॉर्थ कोरिया के चार संदिग्ध वापस फियोंगयांग लौट गए थे।
शिकारी कुत्तों से नोचवाया फूफा का जिस्म, बुआ को भी जहर देकर मारा
किम जोंग उन की सनक का आलम मत पूछिए। जिस फूफा जेंग सेंग थाएक ने उसे राजनीति के दांव-पेंच समझाए, जब उनका कद उसे खुद से बड़ा लगने लगा तो किम से देखा नहीं गया। उसने 120 शिकारी कुत्तों के आगे फूफा को फिंकवा दिया। पति की मौत पर सवाल उठाने वाली किम जोंग उन की बुआ को भी मौत ही नसीब हुई। वो खुलेआम किम की खिलाफत करने लगीं जो उससे बर्दाश्त ना हुआ। पूरे देश में बताया गया कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई मगर 2015 में नॉर्थ कोरिया से भागे एक सैन्य अधिकारी ने खुलासा किया कि बुआ को किम ने मरवाया था।
जनरल को पिरान्हा के तालाब में फिंकवाया
पिछले साल खबर आई थी कि किम जोंग ने अपने एक और जनरल को मरवा दिया है। उसे शक था कि ये जनरल साजिश रच रहा है। किम जोंग ने अपने घर में एक बड़ा सा तालाब बनवा रखा है जिसमें पिरान्हा मछलियां पली हुई है। बताया जाता है कि जनरल को इसी तालाब में फेंक दिया गया।
एक और जनरल को दी फांसी
2016 में सूत्रों के हवाले से एक खबर आई थी कि तत्कालीन सेनाध्यक्ष री योंग गिल को सुप्रीम लीडर ने फांसी की सजा सुनाई थी। उन्हें भ्रष्टाचार और साजिश रचने के आरोप में फरवरी महीने में मौत की सजा दी गई।
लोग नहीं रोए तो मरवा दी गोली
2012 में किम जोंग के पिता की मौत हुई। तब किम ने फरमान दिया कि जनाजे में सबको रोना पड़ेगा। राजधानी की सड़कों पर हजारों लोग निकले मगर जो नहीं रोए, उन्हें किम ने तुरंत अरेस्ट करा लिया। बाद में उन्हें गोली मार दी गई।
बिना ट्रायल दी जाती है सजा
किम जोंग के राज में अपराधियों को बिना ट्रायल सजा दे दी जाती है। उनके परिवार को बताया तक नहीं जाता कि क्या हुआ है। साल 2014 में आई यूएन की रिपोर्ट कहती है कि नॉर्थ कोरिया की पॉजिटिकल जेलों में 1,20,000 से ज्यादा कैदी थे और उनके साथ बेहद बुरा बर्ताव होता था।
जेलों में होता है कैदियों का रेप
यूएन की एक रिपोर्ट कहती है कि पिछले 50 साल में नॉर्थ कोरिया के जेलों में हजारों कैदी मारे गए हैं। वहां कैदियों को भूखा रखा जाता है, टॉर्चर किया जाता है और रेप भी होता है। महिला कैदियों का जबरन अबॉर्शन कर दिया जाता है। कभी-कभी कुछ कैदियों को सबके सामने लाकर मौत की सजा दी जाती है।
नागरिकों के लिए बेहद कड़े नियम
नॉर्थ कोरिया में बिना किम की मर्जी के कुछ नहीं होता। उसे रहमदिली पसंद नहीं। नॉर्थ कोरिया से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। धर्म क्या होगा, लोग कैसे कपड़े पहनेंगे, घर से निकलने पर कैसे रहना है, ये सब सुप्रीम लीडर ही तय करता है।
बातचीत फेल हुई तो 5 अधिकारियों को दी मौत
2019 में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच ऐतिहासिक बातचीत शुरू हुई। फरवरी महीने में दोनों देशों के नेता वियतनाम के हनोई में मिले थे। साउथ कोरियाई मीडिया के मुताबिक, बातचीत सफल नहीं हो सकी तो किम जोंग उन ने अमेरिका में अपने विशेष राजनयिक और उत्तर कोरिया के विदेश विभाग में काम करने वाले 4 अन्य लोगों को मार्च में मरवा दिया था।
2015 में जंग होते-होते बची
अगस्त 2015 में साउथ कोरिया ने बॉर्डर पर लॉउडस्पीकर लगवाए और अपना प्रॉपेगेंडा शुरू किया। इससे किम इतना आगबबूला हुआ कि उसने तोपों के साथ सेना बॉर्डर पर भेज दी। ये अल्टीमेटम दिया कि अगर स्पीकर बंद नहीं हुए तो जंग होगी। बाद में संयुक्त राष्ट्र के दखल से शांति हुई।
शरणार्थी ने सुनाई थी खौफनाक कहानी
साल 2014 में योनमी पार्क नाम की नॉर्थ कोरियाई शरणार्थी ने डबलिन में अपना दर्द सामने रखा था। उसने बताया कि किम जोंग उन के पिता के राज में उसके परिवार और दोस्तों की हालत बेहद बुरी हो गई थी। जब वह 13 साल की थी, तब उसकी मां ने उसे तस्करों से बचाने के लिए खुद अपने साथ रेप की सहमति दे दी थी। इसी के बाद, परिवार ने देश छोड़ दिया।
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