July 9, 2024

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जानिए सपनो के शहर लंदन के दार्शनिक स्थल !

थेम्स के किनारे बसे इस शहर से कभी पूरी दुनिया पर हुकूमत चलाई जाती थी. दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क की राजधानी इस शहर में आपको विश्व की परछाई देखने को मिलेगी. हम लंदन की बात कर रहे हैं. पूरी दुनिया से सैलानी यहां उस विक्टोरियन युग के वैभव को देखने के लिए आते हैं, जिसके साम्राज्य में कभी सूर्य अस्त नहीं होता था. फोर्ब्स ने दुनिया के दस सबसे बेहतरीन घूमने लायक शहरों में लंदन को दूसरा स्थान दिया है. अगर आप लंदन देखने की इच्छा रखते हैं तो इन जगहों पर ज़रूर जाएं क्योंकि इन जगहों को देखे बिना आपका इंग्लैंड की इस राजधानी लंदन का दर्शन अधूरा ही रहने वाला है

लंदन के दार्शनिक स्थल

ब्रिटिश संग्रहालय (British Museum)

अगर आपको इतिहास पसंद है तो ब्रिटिश संग्रहालय आपके लिए किताब की तरह है. यहां आपको पूरी दुनिया की झलक मिलेगी. इसे विदेशियों की ब्रिटिश आंख की उपमा भी दी जाती है. इस संग्रहालय में पूरी दुनिया से 80 लाख से भी ज्यादा वस्तुएं संग्रहित की गई है. दुनिया के इस सबसे बड़े संग्रहालय का दर्जा रखने वाला यह म्यूजियम आपको अचंभित कर देगा. इस म्यूजियम को देखने के लिए दुनिया भर से सैलानी आते हैं. अगर आप एक ही छत के नीचे दुनिया की संस्कृतियों को एक साथ देखने को उत्सूक है, तो ब्रिटिश संग्रहालय आपकी पहली पसन्द होगी, क्योंकि यहां दो लाख से अधिक वर्षों मानव इतिहास संग्रहित है. यहां रोसेट्टा स्टोन के रूप की विश्व प्रसिद्ध कलाकृतियां, पार्थेनन मूर्तियां और मिस्र की ममी भी देख सकते हैं. इस संग्रहालय की स्थापना की घटना भी रोचक है. जहां एक ओर पूरी दुनिया के संग्रहालय वहां की सरकारों ने अपने प्रयासों से स्थापित किए थे, वहीं ब्रिटिश संग्रहालय की शुरूआत हैंस स्लोन नाम के व्यक्तिगत संग्रह के साथ हुई थी. उन्होंने 1753 से कलाकृतियों का संग्रह करना शुरू किया था. आगे चलकर इस संग्रह को 15 जनवरी 1759 आम जनता के लिए खोल दिया गया. ब्रिटिश साम्राज्यवाद की वजह से इस संग्रह में बेहतरीन चीजों का शुमार होता चला गया. इस संग्रहालय में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के दौरान दूसरे देशों से लाई ढेरों चीजे है जिन पर वे मुल्क आजाद होने के बाद से दावा करते आ रहे हैं.

नेशनल गैलरी  (National gallery London)

लंदन सही मायनों में ऐतिहासिक शहर है. यहां की हरेक इमारत से कोई न कोई खास ऐतिहासिक तथ्य जुड़ा हुआ है. ब्रिटिश म्यूजियम की तरह ही इतिहास को जिंदा रखने का काम नेशनल गैलरी लंदन भी कर रही है. यह मध्य युग की बनी हुई इमारत है, जहां यूरोपीय चित्रों की पूरी श्रृंखला देखने को मिलती है. इनकी संख्या दो हजार से भी अधिक है. दुनिया में विख्यात तमाम चित्रकार जैसे लियानार्डो द विंसी, रेम्बरेन्ट, गेन्सबर्ग, टर्नर और वान गॉग की कृतियां यहां देखने को मिलती है. अच्छी बात यह है कि इन नायाब पेंटिग्स को देखने के लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता क्यों​कि इन दीर्घाओं में निशुल्क प्रवेश दिया जाता है. साथ ही आपको टूर गाइड भी मुफ्त मिलेगा.

नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम (Natural history museum London)

संग्रहालय लंदन की पहचान है, जो लगातार लोगों को इस शहर के उस पुराने वैभव की याद दिलाते हैं. जो आज से एक सदी पहले तक अपने उफान पर था. उसी वैभव को संरक्षित किए हुए है, लंदन का नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम. यह संग्रहालय इस शहर की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक में स्थित है. यहां आपको मानव इतिहास ही नहीं इस दुनिया का इतिहास देखने को मिलेगा. डायनासोर की दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले लोगों और खासकर बच्चों के लिए यहां पूरी डायनासोर गैलरी है, जो जूरासिक युग में इस धरती पर विचरण करने वाले हरेक डायनासोर का जीवाश्म और मॉडल ​दिखाता है. इसके अलावा यहां मानव का विकास और धरती के भौगोलिक तथा प्राकृतिक विकास से संबंधित हरेक पहलू पर कुछ न कुछ देखने को जरूर मिलेगा. इतिहास के साथ—साथ विज्ञान में रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह संग्रहालय एक अनछुई और रोमांचक दुनिया के सफर जैसा साबित होगा.

विज्ञान संग्रहालय (Science museum London)

लंदन में अब तक हमने इतिहास और ऐतिहासिक संग्रहालयों की ही बात की है लेकिन यहां विज्ञान को समर्पित एक संग्रहालय भी है—साइंस म्यूजियम. यह लंदन में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले दर्शनीय स्थानों में से एक है. इस जगह आपको विज्ञान से संबंधित 15 हजार से भी ज्यादा चीजे देखने को मिलेगी. अतंरिक्ष यात्रा के दौरान काम आया अपोलो कमांड कैप्सूल और स्टीफेंसन रॉकेट जैसे नायाब स्पेस इक्वीपमेंट आपने इतने नजदीक से कभी नहीं देखे होंगे, जितने करीब से आप इनका लुत्फ लंदन के विज्ञान संग्रहालय में उठा सकते हैं.

मैडम तुसाद संग्रहालय (Madame Tussauds Museum London)

लंदन की किस इमारत में सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं, आपको नहीं पता. आपको पता है बस ध्यान दिलाने की जरूरत है. मैडम तुसाद संग्रहालय का नाम किस भारतीय ने नहीं सुन रखा होगा. भारतीय पर्यटक तो लंदन पहुंचने के बाद सबसे पहले मैडम तुसाद का ही रूख करता हैं, जहां ढेरों भारतीय हस्तियों के मोम के पुतले देखने को मिलते है. ऐसी कारीगरी की आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि यहां अमिताभ बच्चन नहीं उनका पुतला है. हरेक मोम की मूर्ति बोलने के लिए तैयार बैठी है. यहां आपको महात्मा गाँधी, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, सलमान ख़ान, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, रजनीकांत, सचिन तेंदुलकर और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक की प्रतिमा देखने को मिलती है. मोम की मूर्तियों के इस संग्रहालय की स्थापना 1835 में हुई थी. अगर आपको पूरी दुनिया के सेलिब्रिटिज के साथ सेल्फी लेनी है, तो मैडम तुसाद से बेहतर कोई जगह नहीं.

टेट मॉडर्न (Tate modern London)

एक और संग्रहालय कम आर्ट गैलरी—टेट मॉडर्न. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह कला के आधूनिक स्वरूप को सहेजने का काम करते हैं. इस आर्ट गैलरी में मॉडर्न आर्ट और अलग हटकर बनाई गई कलाकृतियों को देखा जा सकता है. यहां आपको उन्नीसवीं सदी की शुरूआत से लेकर अबतक की कलाकृतियों देखने को मिल सकती है. यह मॉडर्न आर्ट पर आधारित दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयो में से एक है, जहां पूरी दुनिया से कला की इस विधा के दीवाने आते हैं. यहां समय—समय पर लगने वाले आर्ट एक्जीबिशन्स को छोड़ दे तो, इस संग्रहालय के ज्यादातर हिस्से में प्रवेश निशुल्क है.

द लंदन आई (The London Eye)

लंदन ऐतिहासिक इमारतों के साथ अपने आधुनिक स्थापत्य के लिए भी जाना जाता है और लंदन को आधुनिक दिखाने का काम कर रहा है— द लंदन आई. लंदन आई को मिलेनियम व्हील भी कहा जाता है. 443 फिट का यह ढांचा 135 मीटर लंबा है और इसके विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वृतनुमा ढांचे का व्यास 120 मीटर है. यह थेम्स के दक्षिणी किनारे पर स्थित है. इसे रात को देखना अलग अनुभव होता है. इसे लेड लाइट्स से सजाया गया है जो रात को अद्भुत आभा बिखेरता है. दूर से देखने पर यह किसी साइकिल के पहिए जैसा दिखता है. लंदन आई में 32 कैप्सूल है, जिसमें बैठकर आप पूरे लंदन को निहार सकते है. एक बार में एक कैप्सूल में 25 यात्री लंदन को घूमते हुए, देखने का लुत्फ उठा सकते हैं. यह अपना एक चक्कर लगभग आधे घंटे में पूरा करता है और रफ्तार होती है 0.9 किलोमीटर प्रति घंटा. अब तक 3 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस चक्कर की राइड का मजा उठा चुके हैं.

टावर ऑफ लंदन (Tower of London)

एक बार फिर हम इतिहास की ओर लौटते हैं. थेम्स या टेम्स आप जो भी कहना चाहे उसके किनारे बना एक आलिशान किला. इसे आज टावर आफ लंदन के नाम से जाना जाता है. इसे एक शाही रक्षा स्थल के तौर पर बनाया गया था. पहले पहल यहां राजशाही से संबंध रखने वाले कैदियों को भी रखा जाता था. यह इमारत कई ऐति​हासिक घटनाओं की गवाह रही है. इसका निर्माण 1078 में विलियम ने करवाया था. इसी किले में हेनरी आठवें की रानी ऐन बोलिन का 1536 में सर कलम हुआ था. इस इमारत में शाही महल, जेल, किला, शस्त्रागार और टकसाल थी. हालांकि अब इस इमारत में शाही परिवार नहीं रहता है और आप इसे एक संग्रहालय की तरह देख सकते हैं. इसे पर्यटकों को ब्रिटिश शानोशौकत से रूबरू करवाने के लिए म्यूजियम की तरह विकसित कर दिया गया है. इस इमारत को विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया जा चुका है.

सेंट पॉल कैथेड्रल (Sant Paul Cathedral London)

यूरोप के दूसरे शहरों की तरह भी यहां का भी एक गिरजाघर खासा मशहूर ​है— सेंट पॉल कैथेड्रल. विक्टोरियन शैली में बने इस गिरजाघर की खासियत है इसका गलियारा. आप अगर यहां फुसफसाएंगे तो भी उसे 112 फुट की दूरी तक सुना जा सकता है. यहां आप धीरे बोलकर भी दूर तक बात पहुंचा सकते हैं. ईश्वर तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह अच्छी जगह है. इसका निर्माण सर क्रिस्टोफर ने 1675 में शुरू करवाया था और यह 1711 में बनकर तैयार हुआ. विन्सटन चर्चिल की आखिरी रस्म इसी कैथेड्रल में अदा की गई और प्रिंस चाल्र्स और लेडी डायना के विवाह का गवाह भी यह गिरजाघर बना है. दूसरे विश्व युद्ध का गवाह यह कैथेड्रल कभी लंदन की सबसे उंची इमारतों में से एक हुआ करता था, आज भी इसके उच्चतम बिंदु से लंदन का नजारा देखते ही बनता है.

बकिंघम पैलेस (Buckingham palace London)

ऐसा कौन है जो लंदन के बारे में जानता है और बकिंघम पैलेस को नहीं जानता, जवाब है—कोई नहीं. ब्रिटेन की महारानी का आधिकारिक निवास ​जो कभी पूरी दुनिया के शासन का केन्द्र रहा है. इसका निर्माण ड्युक ऑफ़ बकिंघम ने शाही निवास के तौर पर 300 साल पहले करवाया था. अपनी भव्यता और आकर्षक यूरोपीय शैली के कारण यह दुनिया के सबसे भव्य शाही महलों में से एक है. 1837 में ब्रिटेन की सबसे महान महारानी विक्टोरिया ने इस महल को अपना निवास स्थान बनाया. आपको यह जानकर हैरत होगी कि यह पैलेस ब्रिटेन सरकार की सम्पत्ति है न कि शाही परिवार की. ​बकिंघम पैलेस की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस इमारत में 775 कमरे हैं, जिनमें से 52 शाही हैं और पैलेस कुल 108 मीटर लंबा और 120 मीटर चौड़ा है. 77 हजार वर्ग मीटर में फैली इस शाही इमारत में 1514 दरवाजें और 760 खिड़कियां हैं. इस महल की बालकनी बहुत मशहूर हैं, जहां खड़े होकर शाही परिवार के लोग आम जनता का अभिवादन करते हैं.