भगवान के दरबार में तो हर कोई अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करता है. इसके लिए लोग मंदिर के चक्कर लगाने के साथ ही तरह-तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी करवाते हैं, लेकिन ये नहीं पता होता है कि उनके मन की मुराद आखिर कब पूरी होगी.
अगर हम कहें कि एक ऐसा मंदिर मौजूद है जहां सिर्फ चालीस दिन लगातार माता के दर्शन करने से आपकी हर मनोकामना पूर हो सकती है तो क्या आप हमारी इस बात पर यकीन करेंगे?
आपको हमारी बात पर यकीन हो जाएगा, जब हम ये बताएंगे कि हरियाणा के पंचकूला में मनसा देवी मंदिर स्थित है, जहां 40 दिन हाजिरी लगानेवाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
मनसा देवी मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जब माता सती अपने पिता राजा दक्ष के घर अश्वमेध यज्ञ में बिना बुलाए पहुंची तो वहां किसी ने उनका सत्कार नहीं किया और माता ने अग्नि कुंड में कूदकर आत्मदाह कर दिया.
सती के आत्मदाह की खबर लगते ही भगवान शिव यज्ञ स्थान पर पहुंचे और सती का शरीर लेकर तांडव नृत्य करते हुए भटकने लगे. भगवान शिव के इस उग्र रूप को देखकर सभी देवता बहुत चिंतित हुए, तब जाकर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया.
भगवान विष्णु द्वारा सुदर्शन चक्र के प्रहार से कई जगहों पर सती के शरीर के अंग गिरे, जहां-जहां सती के शरीर के अंग गिरे उन सभी स्थानों पर शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती की भक्ति भाव से आराधना करने पर मनोकामना पूरी होगी.
पंचकूला शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के सिर का हिस्सा गिरा था, जिसके चलते यहां मनसा देवी शक्तिपीठ की स्थापना हुई और लोग यहां दर्शन के लिए आने लगे.
मनसा देवी मंदिर के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित सतयुगी सिद्ध मनसा देवी मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि अगर कोई भी भक्त सच्चे मन से लगातार 40 दिन तक यहां आकर पूजा-अर्चना करता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है.
यहां चैत्र नवरात्र और आश्विन मास के नवरात्र में काफी रौनक देखने को मिलती है. इस दौरान भारी तादात में भक्त माता के इस दराबार में हाजिरी लगाने के लिए आते हैं.
माता के दरबार में पहुंचना है आसान
चंडीगढ़ से करीब 10 किलोमीटर और हरियाणा के पंचकूला से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मंदिर में भक्त आसानी से पहुंच सकते हैं.
खासकर नवरात्र के दौरान यहां आनेवाले भक्तों के लिए विशेष बसें चलाई जाती हैं. ट्रेन या प्लेन से पहुंचने के लिए चंडीगढ़ सबसे नज़दीक है. इसके अलावा इस मंदिर के लिए लोकल बसों और ऑटो रिक्शा की सुविधा भी मौजूद है.
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