29 सितंबर यानी आज से नवरात्र का त्योहार शुरू हो गया है। नवरात्रि (Navratri) के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही दुर्गासप्तशती एवं गीता का भी पाठ किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां के दर्शन और पूजन से विशेष फल मिलता है। इस समय देवी मां के दर्शन करने से जीवन में सफलता मिलती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस मौके पर कई लोग घर में कलश स्थापित करते हैं और व्रत रखते हैं। साथ ही घर में मां के नाम की अखंड ज्योत भी जलाते हैं।
नवरात्रि में मां की पूजा के दौरान पहने गए वस्त्रों का विशेष महत्व होता है। हर दिन पूजा करने के लिए मां के स्वरूप के अनुसार कपड़ों के रंग का चयन करना बेहद शुभ माना जाता है। तो आइए आज हम आपको बताते है कि इन नौ दिनों की पूजा में आपको किस रंग के वस्त्रो को धारण करना चाहिए जिससे मां की कृपा आप बन बनी रहे.
शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत पीले रंग के कपड़ों से की जाए तो शुभ माना जाता है.
ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन किसी भी प्रकार का हरा रंग पहनें। गाढ़ा हरा रंग आपके हर कार्य को सफल करेगा। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन हल्का भूरा रंग पहनें। मां चंद्रघंटा की पूजा करते वक्त आप इस रंग का कोई भी कपड़ा पहन सकते हैं।
कूष्माण्डा
नवरात्रि के चौथे दिन नारंगी रंग के कपड़े पहनें। यह त्याग का प्रतीक है। इस रंग के वस्त्र पहन कर की गई पूजा से मां जल्दी प्रसन्न होती है.
स्कंदमाता
भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी करने वाली स्कंदमाता की पूजा के दिन सफेद रंग का कपड़ा पहनें। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है इसलिए इनकी पूजा में सफेद रंग धारण करते हैं।
कात्यायनी
पांचवे दिन पूजी जाने वाली कात्यायनी माता का मनपसंद रंग लाल है। इस दिन माता की पूजा करते वक्त लाल रंग के कपड़े पहनें।
कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा जाती है। इस दिन नीला रंग पहनना शुभ माना जाता है।
महागौरी
महागौरी की पूजा करते वक्त गुलाबी रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है। अष्टमी की पूजा और कन्या भोज करवाते समय इसी रंग का कपड़ा पहनें।
सिद्धिदात्री
नवरात्रि के आखिरी दिन पूजी जाती हैं सिद्धिदात्री माता। इन्हें बैंगनी रंग बेहद पसंद है। इनकी पूजा करते वक्त बैंगनी रंग का ही कपड़ा पहनें।
मां दुर्गा की षोड्शोपचार पूजा की जानी चाहिए। नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त देखकर कन्या एवं धनु लग्न में अथवा अभिजिन्मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है। पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्वरूप बताया गया है इसलिए कलश की स्थापना के साथ दुर्गा का आह्वान किया जाता है। इसलिए कलश की स्थापना पहले ही दिन कर दी जाती है इसके बाद अन्य देवी-देवताओं के साथ माता शैलपुत्री की पूजा होती है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा में सभी नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान किया जाता है। नवरात्र के पहले दिन से आखिरी दिन तक घर में सुबह-शाम कपूर को जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। शैलपुत्री का ध्यान एवम जपनीय मंत्र इस प्रकार है…
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्द्वकृत शेखराम।
वृषारूढ़ा शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम॥
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