July 1, 2024

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Onam 2022: ओणम का त्योहार? तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व !

Onam 2022: ओणम का त्योहार? तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व !

Onam Festival 2022: केरल के प्रमुख त्योहारों में से एक है ओणम पर्व, इस बार ओणम का त्योहार (Onam Festival) 08 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. ओणम का त्योहार (Onam) सौर कैलेडर के सिंह माह में उस दिन मनाया जाता है, जब थिरुवोणम नक्षत्र प्रबल स्थिति में होता है. ओणम मुख्यत: केरल, तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है. मलयालम सौर कैलेंडर के आधार पर ओणम चिंगम माह में मनाते हैं. यह अंग्रेजी कैलेंडर के सिंतबर माह और हिंदी कैलेंडर के भाद्रपद या आश्विन माह में मनाया जाता है. आइये जानते हैं इस पर्व के बारे मे कुछ खास बातें-

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ओणम (Onam) को केले के पत्ते पर परोसे जाने वाले एक रंगीन दावत के साथ मनाया जाता है। जिसमें 25 से अधिक व्यंजन शामिल होते हैं। जिन्हें ‘ओणम साध्य ‘ एक पारंपरिक केरल भोजन के रूप में जाना जाता है। त्योहार मानसून के मौसम के अंत का प्रतीक है और फसल का स्वागत करता है।

ओणम 2022 तिथि और मुहूर्त | Onam 2022 Date

पंचांग के अनुसार, थिरुवोणम् नक्षत्र का प्रारंभ 07 सिंतबर दिन बुधवार को शाम 04:00 बजे से हो रहा है. यह 08 सितंबर गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ओणम थिरुवोणम् नक्षत्र में मनाते हैं, इसलिए 08 सिंतबर को ओणम का त्योहार मनाया जाएगा.

हिंदू कैलेंडर के आधार पर देखें तो इस दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी, जो रात 09 बजकर 02 मिनट तक है. त्रयोदशी तिथि के प्रतिनिधि देव भगवान शंकर हैं.

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सुकर्मा और रवि योग में ओणम

ओणम का त्योहार रवि योग और सुकर्मा योग में है. ओणम के दिन रवि योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 09 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा ओणम वाले दिन रात 09 बजकर 41 मिनट से सुकर्मा योग लग रहा है. जो अगले दिन तक रहेगा. ये दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं.

क्यों मनाते हैं ओणम का त्योहार

ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा बलि के दोबारा पृथ्वी पर आने के उत्सव में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के समय पाताल लोक से पृथ्वी पर आते हैं. पाताल से पृथ्वी लोक की यात्रा के उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाते हैं.

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वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने दान में तीन पग भूमि लेकर अपने भक्त बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया था. ऐसी मान्यता है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं और उनके घरों में जाते हैं. इसके उपलक्ष्य में लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और अपने राजा के आगमन की तैयारी करते हैं.

Note: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. visitorplacesofindia.in इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें|