BJP के सांसद और मशहूर पार्श्व गायक बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद और मशहूर पार्श्व गायक बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है। उन्होंने राजनीति को गुडबाई कहने के साथ ही यह भी लिखा है कि वो किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। वे न तो टीएमसी, न कांग्रेस और न ही सीपीएम में शामिल होंगे। बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी के सांसद हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बीजेपी मेरी पार्टी थी और मेरी पार्टी रहेगी।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि राजनीति में सिर्फ समाज सेवा के लिए आए थे और अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है। बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है। वे राजनीति से अलग होकर भी अपने उस उदेश्य को पूरा कर सकते हैं।
BJP MP & ex-Union Minister Babul Supriyo quits politics, makes an announcement through his Facebook page.
"Goodbye. I'm not going to any political party. TMC, Congress, CPI(M) nobody has called me, I'm not going anywhere…One need not be in politics to do social work," he posts pic.twitter.com/MLSHfaFq6x
— ANI (@ANI) July 31, 2021
सुप्रियो ने संकेत दिया कि यह निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण लिया है। सुप्रियो, जिन्होंने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कई विभागों को संभाला था, को इस महीने की शुरुआत में एक बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था।
सुप्रियो ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘जा रहा हूं अलविदा। अपने माता-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात की और उनकी सलाह सुनने के बाद मैं कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं – तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं! हमेशा एक टीम मोहन बागान का समर्थन किया है – केवल एक पार्टी के साथ रहा हूं – भाजपा पश्चिम बंगाल। बस !! जा रहा हूं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं बहुत लंबे समय तक रहा हूं मैंने किसी की मदद की है, किसी को निराश किया है, यह लोगों को तय करना है। सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए, आप किसी भी राजनीति में शामिल हुए भी बिना ऐसा कर सकते हैं।’’ आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें सात जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद् से हटा दिया गया था।
पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सुप्रियो और देबाश्री चौधरी दोनों को मंत्री पद से हटा दिया गया था। पश्चिम बंगाल के चार अन्य सांसदों- निशित प्रमाणिक, शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार और जॉन बारला को मंत्रिपरिषद् में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया। उन्होंने लिखा, ‘‘अगर कोई यह पूछे कि क्या राजनीति छोड़ना किसी तरह से मंत्रालय खोने से जुड़ा है। हां, तो यह कुछ हद तक सही है। विधानसभा चुनाव प्रचार के बाद से राज्य नेतृत्व के साथ भी मतभेद थे।’’ पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
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