भगवान हनुमान के कलयुग में मौजूद होने के कई साक्षात प्रमाण आज भी कई लोगों को मिलते रहते हैं. भारत देश के साथ-साथ कई बार तो हनुमान विदेशों में भी अपने होने के सबूत लोगों को दे चुके हैं. कलयुग के भगवान हनुमान को बिगड़ी तक़दीर बनाने वाला देवता अगर बोला जाए तो यह बात इनके लिए गलत नहीं होगी.
कहते हैं कि हनुमान के दर पर अगर कोई सच्चे दिल से और तड़प से कोई चीज मांगता है तो हनुमान अपने उस भक्त को कभी निराश नहीं करते हैं. आज भी हनुमान के कई चमत्कार निरंतर घटित होते रहते हैं और इस बात को इनके भक्त सभी को बताते भी हैं.
दिल्ली में भी एक ऐसा ही मंदिर है जहाँ हनुमान आज से हजारों सालों पहले प्रकट हुए थे और तब भी उन्होंने सैंकड़ों बुरी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की थी.
तो आइये आज हम आपको दिल्ली के एक शक्तिशाली और बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल लेकर चलते हैं, जहाँ के बारें में बताया जाता है कि यहाँ बिगड़ी बनाने वाले हनुमान की उपस्थिति आज भी है –
हनुमान की उपस्थिति –
दिल्ली का जमुना बाजार
जब आप दिल्ली के जमुना बाजार (जो कश्मीरी गेट के पास है) जायेंगे तो पहली नजर में आपको ऐसा लगेगा कि यह कैसी दिल्ली है? यहाँ तो चारों तरफ भीड़ ही भीड़ है लेकिन इसी जमुना बाजार में भगवान हनुमान का एक शक्तिशाली मंदिर स्थित है जिसका नाम मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर है. दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास विराजित हनुमान से मिलने दिल्ली के हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं. मंदिर के बारें में बताया जाता है कि यहाँ भगवान हनुमान साक्षात प्रकट हुए थे. हनुमान की उपस्थिति बताई जाती है.
रामायण काल में आये थे यहाँ हनुमान
इस मंदिर का इतिहास यह है कि जब भगवान हनुमान लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पहाड़ लेकर लंका जा रहे थे तो वह दिल्ली के इसी स्थान पर कुछ देर के लिए ठहरे थे. मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर, का नाम इस वजह से यह पड़ा है क्योकि हनुमान जब पहाड़ लेकर जा रहे थे तो उन्होंने नीचे यमुना नदी को बहते हुए देखा और यमुना जी के किनारे कुछ देर के लिए हनुमान जी आराम करना चाहते थे. लेकिन जब हनुमान नीचे उतरे तो उन्होंने देखा कि यहाँ तो शमशान घाट है और उनके यहाँ उतरने से बुरी आत्माओं में हाहाकार मच गया था. यहाँ उस समय हनुमान की उपस्थिति ने सभी आत्माओं को मुक्ति प्रदान की थी.
साथ ही साथ जब भगवान हनुमान ने माता यमुना जी के दर्शन किये तो तब यमुना जी ने भी हनुमान जी को बोला था कि आपके दर्शन करने में हर साल आया करुँगी और यहाँ आपका एक शक्तिशाली मंदिर होगा.
तो इस तरह से मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर आज यहाँ स्थापित है.
हर साल यमुना नदी का जल स्तर बढ़ता है और वह मंदिर तक आता है. आज निर्माण कार्य होने से जरुर यमुना जी की धारा मंदिर तक नहीं आ पाती है. लेकिन यहाँ के साधुओं का कहना है कि कुछ सालों के अंतराल पर यहाँ बाढ़ आती ही आती है और जब यमुना जी का हनुमान जी के दर्शन करने का मन होता है तो वह विशाल रूप लेकर मदिर में आ जाती हैं. मंदिर के सामने आज भी शमशान घाट है और जो आत्मा यहाँ अंतिम यात्रा में आती है उसे बाबा हनुमान पार लगाते हैं.
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