December 20, 2024

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समुद्र शास्त्र – बोलने का तरीका, खर्राटे और हंसी भी बताती है आपका स्वभाव !

Samudrika Shashtra – Human nature according to speaking & snoring in Hindi : ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा समुद्र शास्त्र के द्वारा मनुष्यों के हाव-भाव, उनके शरीर पर स्तिथ चिन्हों, उनके शरीर के लक्षणों के आधार पर उनके स्वभाव के बारे बताया जाता है। अब तक हम जातक के शरीर पर मौजूद तिल उसके स्वभाव के बीच क्या सम्बन्ध है, इस बारे में पढ़ चुके है। आज हम जातक के बोलने के तरीके और उसके खर्राटों से उसके स्वभाव के बारे में क्या पता चलता है, इस बारे में पढ़ेंगे।

प्रत्येक मनुष्य के बोलने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। समुद्र शास्त्र व शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत मनुष्यों के बोलने के तरीकों पर गहन शोध किया गया है, जिसके आधार पर इंसान के स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि किस प्रकार बोलने वाले इंसान का स्वभाव कैसा होता है-

बोलने से जानिए स्वभाव

  • ऊंचे स्वर में बोलने वाले लोग दूसरे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं या वे हठपूर्वक अपने अधूरे ज्ञान को दूसरों पर थोपना चाहते हैं। ऐसे लोग किसी दूसरे की बात सुनना पसंद नहीं करते।
  • समुद्र शास्त्र के अनुसार कुछ लोग इतनी तेजी से बोलते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि वे क्या बोलना चाहते हैं। ऐसे जातक में न तो किसी बात को छुपा कर रखने की क्षमता होती है और न ही उसमें किसी बात को स्पष्ट कहने का साहस होता है। ऐसे जातक धोखेबाज हो सकते हैं।
  • कुछ लोग जब बोलते हैं, तो उनकी वाणी में कर्कशता एवं टूटापन होता है। ऐसे लोग झगड़ालू, दु:खी एवं लक्ष्यहीन होते हैं।
  • कई लोगों के बोलने का अंदाज शेर की तरह गुर्राने के समान होता है। ऐसे लोग संयम युक्त, विद्वान, ज्ञानी, अध्ययन करने वाले, मनन तथा चिंतन प्रिय, गंभीर, सौम्य एवं धैर्यवान व उदार चरित्र के होते हैं।
  • धीरे से बोलने वाले, हकला कर बोलने वाले, असंतुलित व तारतम्यहीन बोलने वाले लोग अविकसित बुद्धि, अज्ञान, संकुचित प्रवृत्ति, धूर्त, कामचोर व असफल होते हैं।
  • गंभीर एवं संतुलित स्वर मानव मस्तिष्क की उच्च प्रवृत्तियों का सूचक होता है। ऐसे लोग अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं। ये समाजसेवा के कार्यों से जुड़े भी हो सकते हैं। ये हर काम व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं।
  • यदि किसी महिला की आवाज सामान्य से अधिक ऊंची है, तो उसमें अहंकार, अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता होती है। ये प्रशासनिक विभाग में किसी ऊंचे पद पर हो सकती हैं। परिवार पर भी इनका पूरा नियंत्रण रहता है।
  • सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निंदा, भ्रम, कलह, आत्मप्रशंसा आदि दुर्गुण होते हैं।
  • हंस, मयूर या कोयल के समान वाणी वाली स्त्री को सर्वगुण संपन्न माना गया है।

खर्राटों से जानिए स्वभाव

खर्राटे लेना एक आम बात है। कुछ लोग इसे एक प्रकार की बीमारी भी मानते हैं। समुद्र शास्त्र के अनुसार खर्राटे कई प्रकार के होते हैं तथा मनुष्य के स्वभाव के बारे में काफी कुछ संकेत देते हैं। आवश्यकता है केवल इन्हें समझने की। शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खर्राटों पर गहरी खोज की गई है।

  • खर्राटों की पहली किस्म है संगीतमय खर्राटे। इस प्रकार के खर्राटे बहुत कम तो क्या नहीं के बराबर देखने में आए हैं। संगीतमय खर्राटे लेने वाले व्यक्ति सामान्य होते हैं, पर यह दुर्लभ है। इस प्रकार के खर्राटों से कोई परेशानी नहीं होती।
  • दूसरी किस्म के खर्राटे अचानक उत्पन्न होते और धीरे-धीरे शब्द विहीन हो जाते हैं। यह खर्राटे कानफोड़ू होते हैं। इस प्रकार के खर्राटे लेने वाले लोग भी सामान्य होते हैं, पर स्वभाव से थोड़े उग्र होते हैं। इन्हें विश्वसनीय नहीं कहा जा सकता।
  • खर्राटों की तीसरी किस्म ऐसी होती है जैसे कोई मंद-मंद हंस रहा हो। इस प्रकार के खर्राटे लेने वाले लोग दब्बू होते हैं। उनका अपना कोई निर्णय नहीं होता। यह स्वार्थी प्रवृत्ति के होते हैं।
  • खर्राटों की चौथी किस्म सबसे अप्रिय और भयानक मानी गई है। यह काफी जोर की ध्वनि करते हैं। ऐसा जातक मद्यप्रिय तथा संतोषी होते हैं।
  • पांचवी किस्म के खर्राटे भी संगीतमय होते हैं। इस प्रकार के खर्राटे लेने वाले जातक सामान्य तथा मृदु स्वभाव के होते हैं। यह समझौतावादी होते हैं।
  • खर्राटों की छठी व अंतिम किस्म भी भयानक और अप्रिय खर्राटों की ही है। इस प्रकार के खर्राटे लेने वाले लोग क्रूर और ह्रदय हीन होते हैं। समझौता करना यह नहीं जानते।

हंसी से भी जान सकते हैं स्वभाव

  • खिलखिलाकर हंसने वाले लोग सहनशील, उदार, सभी का अच्छा सोचने वाले, विचारवान तथा पढ़ाई-लिखाई में आगे होते हैं। ऐसे लोग किसी का बुरा नहीं सोचते तथा अच्छे प्रेमी होते हैं।
  • अट्टहास (जोर से) के साथ ऊंचे स्वर में हंसने वाले लोग स्वाभिमानी, विश्वासी, पुरुषार्थ प्रेमी एवं सफल व्यक्तित्व वाले होते हैं। किंतु यदि ऐसी हंसी के साथ चेहरा व्यंग्यपूर्ण हों तो ऐसे लोग अंहकारी भी होते हैं।
  • घोड़े के समान हिनहिना कर हंसने वाले लोग धूर्त, अहंकारी, कपटी तथा निकम्मे हो सकते हैं।
  • रुक-रुक कर हंसने या एक ही विषय पर कुछ देर बाद तक हंसने वाले लोगों की मानसिक शक्ति कमजोर होती है। प्राय: ऐसे लोग बुद्धिहीन, अविवेकी प्रवृत्ति तथा मूर्ख होते हैं।
  • जिन लोग की मुस्कान शांत होती है वे अपने मन की प्रसन्नता को व्यक्त करते हैं तथा गंभीर, धैर्यवान, शांतिप्रिय, विश्वासी, ज्ञानी एवं स्थिर प्रवृत्ति के होते हैं।