दिवाली का त्यौंहार आने वाला हैं जो कि पूरे पांच दिन तक चलता हैं और बड़े जोश के साथ मनाया जाता हैं। हांलाकि इसकी तैयारियां काफी पहले से ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के इस पर्व को असत्य पर सत्य की जीत के जश्न के रूप में प्राचीन मान्यताओं और लोक परम्पराओ के साथ मनाया जाता हैं। इन्हीं मान्यताओं में से एक हैं दिवाली की रात को ताश खेलने की और इसके पीछे की पौराणिक मान्यता (Mythology) शिव-पार्वती से जुड़ी है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
दरअसल, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दिवाली की पूरी रात भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती ने साथ में ताश खेला था, जिससे दोनों के बीच स्नेह और प्रेम का संचार हुआ। ऐसे में इस लोककथा के साथ ही ये मान्यता प्रचलित हो गई कि जो व्यक्ति दिवाली की रात ताश खेलेगा, वो उसे धन और सौभाग्य की प्राप्ति होगी और फिर लोग शगुन के तौर पर दिवाली की रात ताश खेलने लगें। माना जाता है कि इस रात ताश (Cards) खेलने और उसमें जीत हासिल करने वाले व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
लोग आज भी इस लोक परम्परा का पालन करते हैं। यहां तक कि मॉडर्न फैमिली में ये चलन नए ट्रेंड के रूप में शामिल हो चुका है। अब तो लोग दिवाली की रात खासतौर पर ताश पार्टी का आयोजन करते हैं, जिसमें परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खेलते हैं। अगर आप भी इस दिवाली ताश की बाजी खेलना चाहते हैं तो बेशक खेलिए, लेकिन इतना ध्यान रखिए कि दिवाली की रात ताश सिर्फ सांकेतिक तौर पर या शगुन के लिए खेला जाना चाहिए, क्योंकि जुए की लत किसी भी रूप में सही नहीं हैं। क्योंकि शौकिया शुरू किया गया किसी काम को लत बनते देर नहीं लगती।
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