5 जुलाई 2020 को आषाढ़ी पूर्णिमा है जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता हैं। शास्त्रों में इस दिन का बहुत महत्व बताया गया हैं और गुरु की महत्ता को दर्शाया गया हैं। इस दिन अपने गुरु की पूजा करना श्रेष्ठ होता हैं और सभी उनका पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके गुरु उपलब्ध नहीं है और वे साधना करना चाहते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन किनका पूजन किया जाना चाहिए।
– सर्वप्रथम एक चावल की ढेरी श्वेत वस्त्र पर लगाकर उस पर कलश-नारियल रख दें।
– उत्तराभिमुख होकर सामने शिवजी का चित्र रख दें।
– उस पर शिवजी को गुरु मानकर निम्न मंत्र पढ़कर श्रीगुरुदेव का आवाहन करें-
– ‘ॐ वेदादि गुरुदेवाय विद्महे, परम गुरुवे धीमहि, तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।।’
– हे गुरुदेव! मैं आपका आवाहन करता हूं। फिर यथाशक्ति पूजन करें, नैवेद्यादि आरती करें।
– तथा ‘ॐ गुं गुरुभ्यो नम: मंत्र’ की 11, 21, 51 व 108 माला करें।
– यदि किसी विशेष साधना को करना चाहते हैं, तो उनकी आज्ञा मानसिक रूप से लेकर की जा सकती है।
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