मौत कभी बताकर नहीं आती हैं। यह तो बस वह पल हैं जो कब छूकर निकल जाए कहा नहीं जा सकता हैं। गरूड पुराण में कहा जाता हैं की मौत के बाद यमराज द्वारा आपके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होता हैं और उस अनुसार फल दिया जाता हैं। लेकिन शास्त्रों में कुछ चीजें ऐसी बताई गई हैं जो मरते समय सिरहाने रखी हुई हो तो यमराज भी आपको प्रणाम करते हैं और दंड नहीं देते हैं। आज हम आपको उन्हीं चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं।
श्री भागवत
मृत्यु के आखिरी पलों में श्री भागवत या अपने धर्मग्रंथ का पाठ करने से व्यक्ति को सभी सांसारिक मोह-माया से मुक्ति मिलती है। इस प्रकार आत्मा द्वारा शरीर त्यागने के उपरांत व्यक्ति को मुक्ति मिलती है और यमदंड का सामना किए बिना स्वर्ग की प्राप्ति होती है या पुनर्जन्म प्राप्त होता है। अगर सिरहाने यह पवित्र ग्रंथ रखा हो तब भी आत्मा को मुक्ति मिलती है।
अच्छी सोच
शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के समीप पहुंच चुके व्यक्ति तथा इसके आसपास रहने वाले सगे-संबंधियों को भी उसकी आत्मा के संबंध में अच्छे विचार रखने चाहिए। व्यक्ति को मरते हुए किसी भी प्रकार का क्रोध या संताप नहीं रखना चाहिए। मरते समय होंठों पर सिर्फ दुआ और आशीर्वाद होने चाहिए।
तुलसी
तुलसी का पौधा सिर के पास हो तो मनुष्य की आत्मा शरीर त्याग के बाद यमदंड से बच जाती है। अगर तुलसी की पत्तियां मरते हुए व्यक्ति के माथे पर रखी जाएं तो भी लाभ होता है।
गंगाजल
मृत्यु के समय गंगाजल को मुख में रखते हुए प्राण त्यागने का विधान बताया गया है। गंगाजल शरीर को पवित्र करता है और जब कोई व्यक्ति शुद्धता के साथ शरीर का त्याग करता है तो उसे भी यमलोग में दंड का पात्र नहीं बनना पड़ता। यही कारण है कि जीवन के आखिरी पलों में गंगाजल के साथ तुलसी दल दिया जाता है।
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