हर भारतीय के मन में भगवान के प्रति अटूट विश्वास और आस्था का भाव होता है. आज हम ऐसे हीं एक शिव मंदिर जहाँ त्वचा का रोग दूर होता है – शिव मंदिर की बात कर रहे हैं जहां के बारे में लोगों के मन में यह विश्वास है कि त्वचा रोग से संबंधित किसी भी परेशानी का समाधान इस मंदिर में आने से हो जाता है.
आइए जानते हैं कहाँ है ये शिव मंदिर जहाँ त्वचा का रोग दूर होता है – क्या है इस मंदिर की कहानी और कब और क्यों शुरु हुई भगवान शिव के प्रति लोगों के इस विश्वास की सच्ची कहानी.
भगवान शिव के इस अद्भुत मंदिर को लोग पातालेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और आगरा राजमार्ग पर बना हुआ है यह शिव का मंदिर यह मंदिर सदत्बदी गांव में पड़ता है.
कहा जाता है कि भगवान शिव के इस पातालेश्वर मंदिर में जो कोई भक्त अगर अपनी सच्ची श्रद्धा से झाड़ू अर्पित करे तो उसके त्वचा संबंधी रोग खत्म हो जाते हैं.
पातालेश्वर मंदिर सदियों पुराना है. शुरुआत से हीं पातालेश्वर मंदिर में दूर-दूर से लोग अपनी मन्नत लेकर आते हैं. जिनको भी त्वचा संबंधित कोई रोग होता है, भगवान को झाड़ू अर्पित करने से दूर हो जाते है.
क्या है इसके पीछे की कहानी?
कहा जाता है कि सदियों पहले एक व्यापारी थे, जिनका नाम भिखारीदास था. वो व्यापारी काफी धनवान थे. लेकिन चर्म रोग से पीड़ित थे. एक बार की बात है कि वे किसी वैध के पास अपना इलाज करवाने के लिए जा रहे थे. तभी रास्ते में उन्हें जोरों की प्यास लगी. ऐसे में उन्हें एक आश्रम दिखाई पड़ा.
प्यासा व्यापारी पानी की खातिर उस आश्रम में गया. जाते-जाते आश्रम में रखे एक झाड़ू से वो टकरा गया. कहते हैं उस झाड़ू के स्पर्श मात्र से ही उनका त्वचा रोग ठीक हो गया.
अब तो उस व्यापारी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. उन्होंने आश्रम में रहने वाले संत को धन देने की इच्छा प्रकट की ताकि वहां मंदिर बनवा सके. लेकिन वहां के संत ने व्यापारी को साफ-साफ इंकार कर दिया. लेकिन व्यापारी भिखारीदास के मन में भगवान के प्रति जो विश्वास प्रकट हुई थी उसने भिखारी दास को चैन से रहने नहीं दिया. और उन्होंने आश्रम के नजदीक हीं एक शिव मंदिर बनवाया. जो आज पातालेश्वर मंदिर के नाम से विख्यात हो गया.
इस तरह पातालेश्वर मंदिर के प्रति लोगों के मन में इस बात का विश्वास बन गया कि, यहां झाड़ू चढ़ाने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं. और यू मान्यता इसी तरह सदियों से चली आ रही है.
दोस्तों ये तो है हीं कि ईश्वर सर्वशक्तिमान है. उनकी इच्छा के सामने बड़ी – से – बड़ी बीमारी चुटकियों में ठीक हो जाया करते हैं.
बस जरूरत है तो सच्चे विश्वास और आस्था की.
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