July 9, 2024

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हिंदुस्तान के ये ५ अनदेखे और अनोखे हिस्से अगर नहीं देखे तो कुछ नहीं देखा!

भारत इतना बड़ा देश है कि पूरी ज़िन्दगी लगा दीजिये, फिर भी हर गली, हर कूचा नहीं देख पाएँगे हम! आज हम कोशिश कर रहे हैं आप को ऐसे अनदेखे और अनोखे हिस्से दिखाने की जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा या सुना होगा तो शायद ही देखी होंगी!

दरीबा कलां

दिल्ली के चाँदनी चौक में यह गली है जहाँ एशिया का सबसे बड़ा ज़ेवरों का बाज़ार है| लोग आम तौर पर चाँदनी चौक के खाने-पीने, कपड़ों के बारे में जानते हैं लेकिन इस गली में आके देखिये तो एक अलग ही दुनिया नज़र आएगी! शाह जहान के ज़माने से इस गली में सोने, चांदी, कीमती पत्थरों का व्यापार होता आया है और आज भी इसकी चमक कम नहीं हुई| एक बार ज़रूर जाइए और फिर से पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक दिनों को जी कर देखिये!

कसारा घाट

मुंबई-नासिक के बीच यह घाट यूँ तो हिमालय की बराबरी नहीं कर सकते लेकिन बरसात के मौसम में इनकी ख़ूबसूरती किसी जन्नत से कम नहीं है! पहाड़ों को काट के बनाया गया रास्ता स्वर्ग की सीढ़ी की तरह लगता है और जब मानसून में बादल आपका चेहरा चूमने आते हैं तो लगता है कि जीवन बस यहीं बिता लिया जाए!

खजुराहो को जाता रास्ता

वैसे तो झाँसी से खजुराहो का फ़ासला सिर्फ 176 किलोमीटर का है, लेकिन रास्ते में एक बड़ी ही ख़ास जगह आती है, नौगांग! ब्रिटिश राज में यहाँ आर्मी का ट्रेनिंग कॉलेज हुआ करता था जो 1924 में शुरू हुआ और 1964 में पुणे शिफ्ट हो गया| लेकिन इस छोटी सी जगह में आर्मी की कैंटोनमेंट उन्नीसवीं शताब्दी से स्थापित है! इतना ही नहीं, वहाँ एक चर्च भी है जो 1869 में बना था और आज भी वहाँ हर रविवार को पूजा-अर्चना होती है! एक शांतिप्रिय दिन वहाँ बिताया जा सकता है, खजुराहो की सुंदरता का रस चखने से पहले!

लोनार क्रेटर

महाराष्ट्र के बुलदाना ज़िले में यह क्रेटर आज से करीब 50,000 साल पहले एक मेटियोराइट के धरती से टकरा जाने के बाद बना था! अब इस क्रेटर में नमकीन पानी का बड़ा सा तालाब है और सर्दियों में इसकी सैर पर आने की बात ही कुछ और है! प्रकृति की इस अनोखी रचना को एक बार तो देखना बनता ही है!

ज़ीरो

अरुणाचल प्रदेश का यह छोटा सा गाँव वैसे तो वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में कई साल से है, लेकिन ख़ास बात यह है कि इस गाँव में पूरे अरुणाचल प्रदेश के सबसे ज़्यादा स्कूल हैं! सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता और मशहूर संगीत उत्सव की वजह से ये दुनिया के दिल में अपनी जगह बना चुका है|