लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा का असर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नजर आने लगा है। यहां लखीमपुर जाने से रोकने पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। उनके साथ पार्टी के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता मौजूद हैं। अखिलेश ने कहा कि किसानों पर अंग्रेजों के शासन से भी ज्यादा जुल्म बीजेपी सरकार कर रही है। अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। मृतकों के परिजनों को 2-2 करोड़ का मुआवजा मिले। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अखिलेश को इको गार्डन ले जाया जा रहा है।
आपको बताते चले कि रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर खीरी दौरे से पहले हुई हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हुई है। यह घटना तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई। उप मुख्यमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर लाने के लिए जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के दो वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दोनों वाहनों में आग लगा दी। इस घटना में चार किसानों तथा वाहनों पर सवार चार लोगों की मौत हो गई।
इधर, अखिलेश के धरने से कुछ दूरी पर भीड़ ने पुलिस की एक जीप को आग के हवाले कर दिया है। इस पर अखिलेश ने कहा कि यह पुलिस की आंदोलन को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने खुद ही गाड़ी में आग लगाई है। मुझे जानकारी मिली थाने के सामने गाड़ी में आग लगा दी गई है।
पुलिस ने विपक्ष के कई नेताओं को लखीमपुर खीरी पहुंचने से रोकने के लिए उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया है। इनमें बसपा महासचिव सतीश मिश्रा, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा और शिवपाल यादव शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस सुबह ही हिरासत में ले चुकी है।
अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने के लिए यूपी पुलिस सुबह से कोशिशों में लगी हुई है। यूपी पुलिस ने अखिलेश यादव के आवास के बाहर प्रशासन ने ट्रक खड़ा करवाया था। बैरिकेडिंग की जगह पुलिस ने 16 पहिये का ट्रक मुख्य मार्ग पर तैनात किया था। ट्रक को आड़ा-तिरछा कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास के बाहर खड़ा किया गया था। वहीं अखिलेश यादव लखीमपुर जाने को लेकर अड़े हुए हैं और वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे। जिसके बाद से खबर आ रही है कि पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में हुए संघर्ष में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और उनके बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की है।
टिकैत ने सोमवार तड़के संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार से उनकी मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या करने के आरोप में मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। टिकैत तीन-चार अक्टूबर की दरमियानी रात लखीमपुर खीरी पहुंचे।
मांग पूरी होने पर होगा मृत किसानों का दाह संस्कार
उन्होंने सरकार से इस घटना में मारे गए किसानों के परिजन को अनुग्रह राशि के तौर पर एक-एक करोड़ रुपये तथा आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की। टिकैत ने कहा कि ये मांगे पूरी होने के बाद ही मृत किसानों का दाह संस्कार किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गोली भी मारी है।
उन्होंने कहा कि हर जिले की तहसील और मुख्यालयों में किसान प्रदर्शन के लिए तैयार हैं, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी जिससे उनकी मौत हुई। हालांकि मिश्रा का कहना है कि घटना के वक्त उनके बेटे वहां मौजूद नहीं थे। किसान मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है।
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