December 20, 2024

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कुख्यात साइबर ठग को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, 25 करोड़ रुपये की ठगी को दे चुका है अंजाम !

अपने साथियों के साथ मिलकर पूरे देश में अलग-अलग विभागों के रिटायर कर्मचारियों से अब तक करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके एक कुख्यात अन्तर्राजीय साइबर ठग को नोएडा के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कुख्यात साइबर ठग को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, 25 करोड़ रुपये की ठगी को दे चुका है अंजाम !

Noida (Uttar Pradesh): अपने साथियों के साथ मिलकर पूरे देश में अलग-अलग विभागों के रिटायर कर्मचारियों से अब तक करीब 25 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके एक कुख्यात अन्तर्राजीय साइबर ठग को नोएडा के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि नूर अली अपने भाई अफसर अली और साथी सफरुद्दीन अंसारी, कलीम अंसारी, अहमद अंसारी, अंकित कुमार और छोटन मंडल निवासी जामतारा, झारखंड के साथ मिलकर ठगी का गिरोह चला रहा था।

ये लोग ट्रेजरी ऑफिसर बन कर अलग-अलग प्रदेशों में रिटायर हुए विभिन्न विभागों के कर्मियों को पेंशन का डाटा अपडेट करने के लिए कॉल कर, बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर, उनसे ओटीपी मांग कर, उनके खाते पर आन-लाइन सक्रिय कर लेते थे। उसके बाद उनके खाते में जमा धनराशि को फर्जी खातों में अंतरित कर लेते थे। पुलिस ने आरोपी नूर अली को आज सहारनपुर से गिरफ्तार किया है।

सिंह के अनुसार साइबर क्राइम टीम को जांच के दौरान आरोपी के विभिन्न बैंकों के 80 खातों की जानकारी मिली है जिनमें जमा डेढ़ लाख रुपये पर पुलिस ने रोक लगा दी है। पुलिस ने साथ ही 40 वॉलेट में जमा 1 लाख 80 हज़ार रुपये भी पाबंदी लगा दी है। उन्होंने बताया कि आरोपियों का मुख्य निशाना रिटायर हुए पुलिसकर्मी होते थे। ये लोग रिटायर होकर घर पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों को कॉल करते थे, और उन्हें पूर्व में उनकी पोस्टिंग और पहले से इकट्ठा की गई अन्य संबंधित जानकारियां उन्हें देते हुए उनके मोबाइल पर एक ओटीपी भेज कर उनसे कहते थे कि आपका नौकरी के दौरान कुछ एरियर बाकी है, जो आपके खाते में भेजा जाएगा। इस पर पुलिसकर्मी उनको ओटीपी बताते थे और वे इसके जरिए उनके बैंक खाते की नेट बैंकिंग एक्टिवेट कर लेते थे। बाद में आरोपी कर्मचारियों के खाते में जमा रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे।

जांच के दौरान पुलिस को आरोपी के करीब 120 बैंक खातों और वॉलेट की जानकारी मिली है। इसमें कुछ बैंक खाते उसके सहयोगियों ने जामतारा से उपलब्ध कराए थे। ठगी से मिलने वाली रकम में सबका कमीशन तय रहता था। आरोपी अपने साथियों का पैसा एटीएम डिपॉजिट मशीन के माध्यम से उनके खातों में जमा कर देता था। उन्होंने बताया कि इस गिरोह ने 2019 में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और सांसद परनीत कौर के खाते से 23 लाख रुपये ठगी कर निकाल लिए थे। बाद में पंजाब पुलिस ने इस मामले में 800 सिम कार्ड और 200 बैंक खातों को जब्त कर 18 लाख रुपये बरामद कर लिए थे। गिरोह का एक सदस्य और आज गिरफ्तार नूर अली का भाई अफसर अली वर्तमान में झारखंड की जामतारा जेल में बंद है।