December 20, 2024

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वास्तु शास्त्र : बाथरूम से जुड़े वास्तु उपाय !

Vastu Tips For Bathroom in Hindi : घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने के लिए वास्तु के नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी माना गया है। वास्तु के अनुसार बताए गए उपाय करने पर वातावरण सकारात्मक बनता है और मानिसक शांति प्राप्त होती है। यदि घर में वास्तु दोष होते हैं तो दरिद्रता और मानसिक परेशानियों के साथ ही वैवाहिक जीवन में भी दुखों का सामना करना पड़ सकता है। इन परेशानियों से बचने के लिए घर के सभी हिस्सों के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं। यहां जानिए बाथरूम से जुड़े कुछ उपाय, जिनसे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है

Vastu Tips For Bathroom And Washroom in Hindi :-

यदि आप अपने बाथरूम में एक कटोरी में खड़ा यानी साबूत नमक रखेंगे तो आपके घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। कटोरी में रखा नमक महीने में एक बार बदल लेना चाहिए। खड़ा नमक आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर लेता है और वातावरण को सकारात्मक बनाता है।

  • घर में बाथरूम का नल या किसी अन्य स्थान का नल लगातार टपकते रहता है तो यह बात छोटी नहीं है, वास्तु में इसे गंभीर दोष माना गया है। अत: नल से पानी टपकना बंद करवाना चाहिए।
  • यदि आपके बाथरूम में दर्पण लगा हुआ है तो इस बात का ध्यान रखें कि दर्पण दरवाजे के ठीक सामने न हो। जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है। ऐसे समय पर यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो उस दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा पुन: घर में आ जाएगी।
  • 2-3 दिन में कम से कम एक बार पूरा बाथरूम अच्छी तरह साफ करना चाहिए। बाथरूम यदि एकदम साफ रहेगा तो इसका शुभ असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा। साफ-सफाई वाले घरों में देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है।
  • इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में कुछ दूरी अवश्य हो। बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच दूरी बनाने के लिए थोड़ी ऊंची दहलीज बनाई जा सकती है। जब बाथरूम का दरवाजा बंद रहेगा तब दहलीज के कारण दरवाजे के नीचे से भी नकारात्मक ऊर्जा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाएगी।
  • बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। यदि संभव हो तो बाथरूम घर के नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण दिशा) में बनवाना चाहिए। अगर ये संभव न हो तो वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम दिशा) में भी बाथरूम बनवाया जा सकता है।
  • गीजर आदि विद्युत उपकरण अग्नि से संबंधित हैं, अत: इन्हें बाथरूम के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में लगाएं। बाथरूम में एक बड़ी खिड़की व एक्जॉस्ट फैन के लिए अलग से रोशनदान होना चाहिए। बाथरूम में गहरे रंग की टाइल्स न लगाएं। हमेशा हल्के रंग की टाइल्स का उपयोग करें।
  • यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे खुला रखने से बचना चाहिए। वैसे तो बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए, लेकिन बेडरूम में बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा भी लगाना चाहिए। बेडरूम और बाथरूम की ऊर्जाओं का परस्पर आदान-प्रदान हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।
  • जरूर रखें नीले रंग की बाल्टी- नीला रंग खुशहाली और शुभता का प्रतीक माना जाता है। वास्तु में नीले रंग को बहुत महत्व दिया जाता है। वास्तु के अनुसार बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बाथरूम में रखी बाल्टी कभी खाली न रहें, बाल्टी को हमेशा साफ पानी से भरी रहना चाहिए। ऐसा करने पर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • खुला न रखे बाथरूम का दरवाजा- दिन में जितनी भी बार बाथरूम का प्रयोग करें, ध्यान रखे की उसका दरवाजा खुला न छूटे। बाथरूम का दरवाजा खुला रहना अच्छा नहीं माना जाता। अगर बेडरूम में भी बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा लगाना चाहिए। बाथरूम और बैडरूम में अलग-अलग तरह की ऊर्जाए होती है, जिनका संपर्क में आना अच्छा नहीं होता। ऐसा होने से घर के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।