नवरात्रि का त्यौंहार मातारानी के विभिन्न स्वरूपों को समर्पित होता हैं जिसका आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता हैं। सभी भक्तगण अपने घरों में भी नवरात्रि के इन नौ दिनों में मातारानी की सेवा करते हैं और मन से आराधना करते हैं। लेकिन मातारानी की पूजा के समय वास्तु से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता हैं ताकि जीवन में सुख-समृद्धि और शान्ति का आगमन हो। इसलिए आज हम आपके लिए उन्हीं वास्तु नियमों की जानकारी लेकर आए हैं जिसे नवरात्रि पूजा के दौरान ध्यान में रखा जाना चाहिए।
– जिस स्थान पर भगवती की आराधना हो वहां पर सजावट (Decoration) का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
– पूजा कक्ष की सजावट करते समय रंगों का विशेष ध्यान रखें। वहां पर सफेद, हल्का पीला, हरा आदि जैसे हल्के रंगों का पेंट करना चाहिए।
– देवी के स्वागत से पहले घर में विशेष साफ-सफाई कर लें। अपने घर से फालतू का सामान जैसे पुराने जूते-चप्पल आदि को निकाल कर बाहर कर दें। गंदगी बिल्कुल ना करें। धूप दीप से वातावरण को सुंदर बनाएं।
– इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंदिर का झंडा उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा होना चाहिए। मां दुर्गा की प्रतिमा दक्षिणामुखी होनी चाहिए, लेकिन पूजा स्थल के नियम मंदिर से अलग होते हैं इसलिए घर में आराधना पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करनी चाहिए।
– नवरात्रि (Navratri) में देवी की आराधना के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
– अखंड ज्योत को दक्षिण-पूर्व दिशा में जलाएं।
– पूजा में उपयोग होने वाले घड़े को लकड़ी के पटे पर रखें।
– पूजा से पूर्व हल्दी या कुंकुंम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाए। इससे पूजा स्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
– मां की पूजा करते समय लाल रंग के ताजे फूलों (Red Color Flower) का इस्तेमाल करें।
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