18 वीं सदी में बनाए गए इंद्रेश्वर मंदिर से इंदौर नाम प्राप्त हुआ है। मालवा पठार के केंद्र में स्थित यह शहर मराठा पेशवाओं द्वारा मल्हारराव होलकर को दिया गया था। बहादुर होलकर रानी, रानी अहिल्याबाई द्वारा नियोजित और निर्मित इंदौर, राज्य के अती पश्चिमी क्षेत्र में है। यह शहर होलकर राजवंश की राजधानी हुआ करता था और इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। इस शहर में मध्ययुगीन होलकर राजवंश के साथ जुड़े कुछ दिलचस्प स्मारक भी है। किसी समय, प्रमुख कपड़ा व्यापार केन्द्र रह चुका इंदौर, आज आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में विकास करने वाला एक संपन्न शहर है, जिसे मध्य प्रदेश की मुंबई भी कहा जाता है। यहां उल्लेखनीय औद्योगिक वृद्धि देखी गई और इस शहर ने राज्य की वाणिज्यिक राजधानी का ओहदा प्राप्त किया है।
आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख केंद्र होने के नाते इंदौर, बड़े उद्योगपति और निर्माताओं, थोक और खुदरा विक्रेताओं, प्रसिद्ध होटल समूहों और छोटे केटरर्स, हर एक के लिए विकास और समृद्धी करने के मौके प्रदान करता है। फास्ट फूड हैंगआउट, चकाचौंध शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स और डिस्कोथेक ने इंदौर को एक मेट्रो शहर बना दिया है। ऑटोमोबाइल उद्योग की एक बड़ी संख्या के आधार पर भारत का डेट्रायट कहलानेवाला पीथमपुर, इंदौर के पास स्थित है। कई आतिथ्य समूहों ने इंदौर में अपने पांच सितारा और सात सितारा होटलों की स्थापना की है। यह उज्जैन, धार, मांडू, ओंकारेश्वर और महेश्वर जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के लिए एक प्रवेश द्वार समान है।
प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल :
राजवाड़ा :
यह नगर के बीचोबीच स्थित है। 1984 के दंगों के समय इसमें आग लग जाने से इसको बहुत क्षति पहुंची थी। उसके बाद इसको कुछ सीमा तक पुनर्निर्मित करने का प्रयत्न किया गया।
कांच मंदिर :
यह एक जैन मन्दिर है जिसमें दीवारों पर अन्दर की तरफ कांच से सजाया गया है।
खान नदी :
इन्दौर में एक नदी भी बहती है जिसका पुराना नाम कृष्णा या कान्ह नदी है। खान नद,कान्ह का अपभ्रन्श है। किन्तु पानी की कमी एवं जलमल निकासी को इस नदी मे छोडऩे के कारण यह अब एक नाले में बदल चुकी है। इसी के किनारे छतरियां हैं। यह स्थान राजबाड़े से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है।
खजराना मंदिर :
खजराना मंदिर भगवान गणेश का एक सुन्दर मंदिर है। ये मंदिर विजय नगर से पास है। ये मंदिर अहिल्या बाई होलकर ने दक्षिण शैली में बनवाया था। यह मंदिर इन्दौरवासियों की आस्था का केंद्र है। यहाँ पर भगवान गणेश के साथ माता दुर्गा, लक्ष्मी, साईबाबा आदि भगवान के मंदिर है।
प्रमुख धार्मिक स्थल :
1) अन्नपूर्णा मन्दिर
2)खजराना का गणेश मन्दिर
3)हरसिद्धि मन्दिर
4)देवगुराडिया
5)बिजासन माता मन्दिर, एरोड्रम रोड
6)गेन्देयश्वर महादेव मन्दिर, परदेशीपुरा
7)गोपेश्वर महादेव मन्दिर, गान्धी हॉल परिसर
8)जबरेश्वर महादेव मन्दिर, राजबाडा
9)गोपाल मंदिर, राजबाडा
10)श्री रिद्धी सिद्धी चिन्तामन गणेश मंदिर, कुम्हार मोहल्ला, जूनी इंदौर
11)शनि मन्दिर, जूनी इंदौर
कैसे पहुंचे :
आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंदौर स्थित है और यह भोपाल से 186 किमी दूर है। दिल्ली, मुंबई, ग्वालियर और भोपाल से इंदौर के लिए नियमित उड़ानें हैं। यह एक टर्मिनल रेलवे स्टेशन है। इंदौर रेल मार्ग से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, ग्वालियर और भोपाल के साथ सीधे जुड़ा हुआ है।
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