द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भीमाशंकर की आराधना के लिए शिव भक्त महाराष्ट्र के पुणे नगर में स्थित मानकर उनके दर्शन और आराधना करने वहीं जाते हैं। जबकि भीमाशंकर के महाराष्ट्र में होने पर असम के लोग सवाल उठाते हैं। इनका कहना है कि महाराष्ट्र में स्थित भीमाशंकर असली ज्योतिर्लिंग नहीं है।
Where Is The Real Bhimashankar Jyotirlinga Maharashtra Or Assam in Hindi :-
ज्योतिर्लिंगों की अधिकृत जानकारी के लिए शिवपुराण का आश्रय लिया जाता है। जबकि असम के गुवाहाटी के लोगों का मानना है कि भीमाशंकर महाराष्ट्र में नहीं बल्कि गुवाहाटी की पहाड़ियों में स्थित है।
इनका मानना है कि असम के श्री शंकरदेव की वैष्णव भक्ति की आंधी के कारण शिवभक्ति का वेग यहां कम हुआ। इसलिए भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पिछले कुछ सदियों से गुमनामी के अंधेरे में खो गए।
इनका दर्शन पाना हो तो कामरूप के मनोहारी पर्वतों और वनों के बीच चलते हुए वहां की निर्जन घाटी में पहुंच कर देखा जा सकता है कि भोलेनाथ अपने भव्य रूप में पहाड़ी नदी के बीच में किस तरह विराजे हैं।
गुवाहाटी की पहाड़ियों में जहां भीमाशंकर स्थित है वहां चौबीसों घंटे वहां उनका जल से अभिषेक होता रहता है। वर्षा ऋतु में तो वे पूरी तरह नदी में डुबकी लगा लेते हैं। उनकी सेवा में जो पुजारी लगे हैं वे जनजातीय हैं। जो सैकड़ों वर्षों से भीमाशंकर महादेव की निष्ठा से चुपचाप पूजा-अर्चना करते रहते हैं।
यहां काशी से लेकर देशभर से संत और शिवभक्त आकर साधना करते हैं। शिवपुराण में (अध्याय20 में श्लोक 1 से 20 तक और अ.21में श्लोक 1 से 54 तक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के प्रादुर्भाव की कथा बताई गई है। जिसके अनुसार ये ज्योतिर्लिंग कामरूप राज्य के इन पर्वतों के बीच यहीं स्थापित हैं।
याद रहे असम का ही पुराना नाम कामरूप है। जैसा यह स्थान है वैसा ही वर्णन शिवपुराण में मिलता है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के महाराष्ट्र में होने का वहां कोई उल्लेख नहीं है।
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