December 20, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

क्यों कृष्ण ने कहा अर्जुन से कर्ण को मारना जरुरी है

पुराणों के अनुसार, महाभारत का युद्ध सबसे बड़ा युद्ध था जो धर्म और अधर्म के बीच हुआ था। युद्ध के दौरान ऐसी बहुत सारी घटनाये हुई जिससे कहानी बहुआयामी और जटिल हो गयी। युद्ध के दौरान कई बार कृष्ण ने अर्जुन से परंपरागत नियमों को तोड़ने के लिए कहा जिससे धर्म की रक्षा हो सके।


कर्ण की हत्या भी महाभारत का एक ऐसा ही हिस्सा है। कर्ण सूर्य के पुत्र, अंग के राजा और एक महान योद्धा थे, जिनके पास अपनी रक्षा के लिए कवच और कुंडल सूर्य भगवन से मिले थे।

सूर्यपुत्र कर्ण, महारथी कर्ण, दानवीर कर्ण, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर कर्ण, राधेय, वसुषेण ऐसे कितने ही नामोँ से पुकारा जाने वाले एक महान यौद्धा थे। दुर्भाग्य से कर्ण को तीन शाप मिले थे जो की उन्हें अपने ब्राह्मण गुरु और भूमि देवी से मिला था, पहला क्रोधित परशुराम ने कर्ण को शाप दिया कि तुमने मुझसे जो भी विद्या सीखी है वह झूठ बोलकर सीखी है इसलिए जब भी तुम्हें इस विद्या की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी, तभी तुम इसे भूल जाओगे। कोई भी दिव्यास्त्र का उपयोग नहीं कर पाओगे।

कृष्ण ने इसी अवसर का इस्तेमाल कर कर्ण को मरने को कहा था। कहानी के माध्यम आप सब यह सोच रहें होंगे कि ऐसा क्यों। चलिए हम बताते हैं…

लक्ष्य महत्वपूर्ण है
भगवद गीता में यह स्पष्ट रूप से भगवान कृष्ण ने कहा है कि लक्ष्य महत्वपूर्ण है ना कि वह पहुचने का रास्ता। महाभारत में भगवान कृष्ण का पहला लक्ष्य धर्म की रक्षा करना और अधर्म का नाश करना है।

परम्परागत नियमों को तोड़ें
धर्म को बचने के लिए कृष्ण पारंपरिक नियमों को तोड़ने से भी पीछे नहीं हाटे। कर्ण की हत्या इसका सबसे बड़ा उद्धरण हैं, युद्ध के दौरान कर्ण निःशस्त्र थे तब कृष्ण ने अर्जुन से कहा कर्ण को मरने के लिए। जिससे आगे चल कर पांडवों की जीत हुई।

परिस्थिति का उपयोग
महाभारत का युद्ध कोई आम युद्ध नहीं था क्योंकि यह युद्ध परिवार वालों के बीच था। जिससे किसी एक को तोह मारना ही है। इसलिए धर्म की रक्षा करने के लिए कृष्ण ने निःशस्त्र कर्ण को मारने का फैसला किया था।

सबसे बड़ी बाधा को हटाना
कर्ण को सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है जो अर्जुन को मार सकते थे, इसलिए कर्ण को किसी भी तरह मारना जरुरी था। कर्ण मौत के बाद आगे चल कर पांडवों की महाभारत में जीत हुई थी।

धर्म की जीत निश्चित है
कृष्ण के कर्ण को मारने का सही जवाब कोई भी नहीं दे सकता है। लेकिन जो अधर्म के रास्ते पर चलेगा उसका सर्वनाश निश्चित है, फिर चाहे वह कोई भी व्यक्ति क्यों ना हो। कर्ण गलत नहीं थे सिर्फ उन्होंने गलत का साथ दिया था यही वजह है कि उनकी मौत के बाद भी दुनिया भर में उनको इज्जत से याद किया जाता है।