ये क्षैतिज रेखाएं कलाई और हृदय रेखा के बीच हथेली के विस्तार पर स्थित है। यह रेखाएं व्यक्ति की यात्रा की अवधि की व्याख्या, यात्रा में बाधाओं और सफलता का सामना तथा यात्रा मे व्यक्ति के स्वास्थ्य की दशा को भी दर्शाती है।
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर कोई रेखा जीवन रेखा से निकलकर भाग्य रेखा को काटते हुए हथेली के दूसरी ओर चन्द्र पर्वत पर जाए तो विदेश यात्रा का मौका प्राप्त होता है। यह रेखा जितनी स्पष्ट और गहरी होती है विदेश मे उतना ही अधिक समय रहने का मौका मिलता है। यह रेखा हल्की होने पर कम समय के लिए विदेश यात्रा का मौका प्राप्त होता है।
छोटी उंगली के नीचे से बुध पर्वत के पास से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत यानी अनामिका उंगली के नीचे तक आती है तो ऐसा व्यक्ति भी जीवन में बहुत सी विदेश यात्रा करता है। इन्हें जीवन में आसानी से सफलता नहीं मिलती है। अपनी मेहनत और लगन से जीवन में कामयाबी हासिल करते हैं।
चन्द्र पर्वत यानी हथेली के दूसरे हिस्से से कोई सीधी रेखा निकलकर शनि पर्वत यानी मध्यमा उंगली के नीचे पहुंचती है तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय जन्मस्थान से दूर होता है। यह रेखा अगर शनि पर्वत पर कई शाखाओं पर बंट रही हो तो जीवन में कभी भी इन्हें धन की परेशानी नहीं होती है।
चन्द्र पर्वत पर त्रिभुज होना भी विदेश यात्रा का योग बनाता है। अगर आपके हाथों में इनमें से कोई भी चिन्ह है तो आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।
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