हेल्दी और ग्लोइंग स्किन हर कोई पाना चाहता है। वहीं, इसके लिए लोग कई प्रकार की क्रीम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल भी करते हैं। हालांकि, इसकारण उन्हें कभी-कभी इसके नुकसानों को भी झेलना पड़ता है। चमकती त्वचा के लिए प्राणायाम
1. कपालभारती
कैसे करें :
#सबसे पहले शांत और साफ जगह पर योग मैट बिछा लें।
# अब सुविधानुसार पद्मासन की मुद्रा, सुखासन या वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
# अपनी कमर को सीधा रखते हुए आंखें बंद करें और उंगलियों को ज्ञान मुद्रा मेंरख लें।
# मन को शांत करने की कोशिश करें।
# अब गहरी और लंबी सांस लें।
# फिर पेट को अंदर खींचते हुए नाक से सांस को झटके से बाहर निकालें।
# ऐसा 15 से 20 बार लगातार करते रहें।
#साथ ही इस दौरान मुंह को बंद ही रखें। सिर्फ नाक से ही सांस लेनी है औरछोड़नी है।
#15 से 20 बार करने पर इस प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है।
# इसे क्षमतानुसार दो से तीन बार कर सकते हैं।
सावधानी :
कपालभाति प्राणायाम को करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें :
# अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी रोग है, तो कपालभाति प्राणायाम धीमी गति से करना चाहिए।
# इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
# नाक से खून आने की स्थिति में यह प्राणायाम न करें।
2. अनुलोम विलोम
कैसे करें :
# इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
#इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें और दोनों आंखें बंद कर लें।
#अब एक लंबी गहरी सांस लें और धीरे से छोड़ दें। इसके बाद खुद को एकाग्र करने की कोशिश करें।
#इसके बाद अपने दाएं हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका को बंद करेंऔर बाईं नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लें। सांस लेने के दौरान ज्यादा जोर न लगाएं, जितना हो सके उतनी गहरी सांस लें।
# अब दाहिने हाथ की मध्य उंगली से बाईं नासिका को बंद करें और दाई नासिका से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
# इसके बाद कुछ सेकंड आराम कर दाईं नासिका से गहरी सांस लें।
#फिर दाएं अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से दाएं हाथ की मध्य उंगली को हटाकर धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
#इस प्रकार अनोम-विलोम प्राणायाम का एक चक्र पूरा हो जाएगा।
# एक बार में ऐसे पांच से सात चक्र कर सकते हैं।
सावधानी :
अनुलोम विलोम को करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें :
#अगर किसी को गंभीर ह्रदय रोग की समस्या है, तो डॉक्टरी परामर्श के बाद ही अनुलोम विलोम करना चाहिए।
#इसके अलावा, रक्तचाप की समस्या वाले और गर्भवती महिलाओं को भी डॉक्टर से सलाह लेकर ही इस प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
# अनोम-विलोम प्राणायाम को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। वहीं, अगर कोई खाना खा चुका है, तो ऐसी स्थिति में खाने के 4 से 5 घंटे बाद ही इस प्राणायाम को करना चाहिए।
3. भस्त्रिका प्राणायाम
कैसे करें :
#सबसे पहले योग मैट बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं।
#इस दौरान गला, रीढ़ की हड्डी और सिर बिल्कुल सीधा रखें। साथ ही ध्यान रहे कि इस प्राणायाम को करते समय मुंह बिल्कुल भी खुला न रहे।
# अब अपनी आंखें बंद कर लें।
#इसके बाद दोनों नाक के छिद्रों से गहरी सांस लें। सांस अंदर लेने की प्रक्रिया में फेफड़े पूरी तरह से फूलने चाहिए।
# इसके बाद एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों के माध्यम से भरी हुई सांस को छोड़ें। वहीं, सांस छोड़ते समय उसकी गति इतनी तेज होनी चाहिए कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाएं।
# इस तरह भस्त्रिका प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है।
# इस प्रक्रिया को 10 से 12 बार कर सकते हैं।
सावधानी :
भस्त्रिका प्राणायाम को करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें :
# भस्त्रिका प्राणायाम को शुरू करने से पहले नाक को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।
#भस्त्रिका प्राणायाम योग की शुरुआत हमेशा धीमी गति के साथ ही करनी चाहिए।
अगर कोई हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है, तो इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
# वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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